विश्व कल्याण को चित्रकूट में हो रहा श्रीरामचरित मानस महायज्ञ : मदन गोपाल दास महाराज

 


चित्रकूट, 11 अप्रैल (हि.स.)। विश्व कल्याण की कामना को लेकर भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट स्थित कामतानाथ मंदिर में श्रीराम चरित मानस महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। चैत्र नवरात्र में नौ दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ में मानस की चौपाई से आहुति दी जाती है। नवमी के दिन भगवान श्री राम के भव्य और दिव्य जन्मोत्सव के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी।

गुरुवार को कामदगिरि प्रमुख द्वार चित्रकूट के महंत मदन गोपाल दास महाराज ने बताया कि जन्मभूमि अयोध्या में बने भव्य मंदिर में 22 जनवरी को हुए प्रभु श्री राम की प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य पर प्रभु की तपोभूमि चित्रकूट में श्रीराम चरित मानस महायज्ञ का आयोजन हो रहा है।

बताया कि रामनवमी के दिन जन्मभूमि अयोध्या की तर्ज पर विश्व प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ तपोभूमि चित्रकूट में बड़ी भव्यता और दिव्यता के साथ भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जिसमें देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगेगा। महंत मदन गोपाल दास महाराज ने बताया कि वनवास काल में प्रभु श्री राम ने साढ़े 11 वर्षों तक चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत पर निवास कर तप और साधना की थी। जिसकी वजह से चित्रकूट आदिशक्ति पीठ है।

उन्होंने बताया कि नवरात्र में चित्रकूट में शक्ति की उपासना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं। उन्होंने कहा कि आदिकाल से ही चित्रकूट करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केंद्र रहा है। भगवान श्रीराम के वरदान से ही चित्रकूट गिरि को कामदगिरि होने की कामना पूरी हुई है।

चित्रकूट के कामदगिरि की महिमा का बखान स्वयं गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने रामचरित मानस में किया है। उन्होंने लिया है कि कामद में गिरि राम प्रसादा,अवलोकत अपहरत विसादा। यानि कामदगिरि पर्वत के अवलोकन मात्र से ही व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट और विषाद दूर हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष रामनवमी का पर्व चित्रकूट में बड़े हर्षोल्लाष के साथ मनाया जायेगा।राममंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद यह पहला राम जन्मोत्सव का पर्व है। पूरे चित्रकूट को असंख्य दीपों से जगमगाने के साथ-साथ तपोभूमि के सभी मठ-मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा।

कामदगिरि प्रमुख द्वार मंदिर में आयोजित श्रीराम चरित मानस महायज्ञ में निर्मोही अखाडा के महंत ओंकार दास महाराज, आचार्य रामकृपाल पाठक, शंकर दास महाराज, नागा नरसिंह दास महाराज, समाजसेवी ऋषि आर्या, महेश जायसवाल आदि दर्जनों संत और श्रद्धालु मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/रतन/राजेश