लोस चुनाव: पलायन को मजबूर ग्रामीणों ने लिया चुनाव बहिष्कार का निर्णय
वन विभाग के लालची अधिकारियों ने तोड़े आवास व शौचालय, सड़क पर खोदी खाई
झांसी,04 मई(हि.स.)। प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी जहां अपने विकास व सुशासन के मॉडल पर सभी विपक्षी दलों का लोकसभा चुनाव में सामना कर रहे हैं। वहीं तहसील मोंठ अंतर्गत आने वाले ग्राम परेछा से एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां के लोगों ने वन विभाग की कार्यशैली से परेशान होकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान कर दिया है।
मोठ तहसील क्षेत्र के ग्राम परेछा में बसे ग्राम के लोगों का कहना है कि 1983 में बाढ़ आने की वजह से तत्कालीन जिलाधिकारी झांसी द्वारा उनको वन विभाग की जमीन पर रहने के लिए जगह दी थी। तब से लेकर अब तक गांव वासियों ने पाई-पाई जोड़कर अपने आशियाने बनाए। सरकारी योजना अंतर्गत गांव में सड़क भी डाली गई। विद्युतीकरण भी हो गया। पेयजल की भी व्यवस्था हो गयी। सरकार द्वारा दिए गए आवास एवं शौचालय भी बन गए। मुख्य मार्ग से गांव तक अच्छा खासा लिंक रोड भी बनाया गया। हंसी खुशी से पूरा गांव जीवन यापन कर रहा था। तभी अचानक उनकी जिंदगी में कुछ दिन पहले ग्रहण बनकर कुछ वन विभाग के लालची कर्मचारी आये औऱ गरीब ग्राम वासियों के निर्माणाधीन सरकारी आवास तोड़कर तहस-नहस कर दिए और ग्रामीणों से जमीन खाली करने का फरमान सुना डाला। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आवास बनाने की एवज में उनसे पैसों की मांग की जा रही है।
ग्राम वासियों ने जिले के आला अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत की परंतु कोई ठोस कार्यवाही न होने से वन विभाग के कर्मचारियों के हौसले बढ़ गए और उन्होंने मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाले संपर्क मार्ग पर कई जगह बड़ी-बड़ी और गहरी गहरी खाई खोद डाली। जिसकी वजह से परेछा,सिलारी गनेशपुरा, ख़िदरपुरा के ग्राम वासियों को आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर गहरी—गहरी खाई होने की वजह से गांव में आने वाली स्कूल बसें भी बंद हो गई है। जिससे ग्रामीणों के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। परेशान ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान तक कर दिया है और इसकी पूरी जिम्मेदारी वन विभाग के लालची अधिकारियों पर डाली है। इस अवसर पर गांव की शकुंतला, काजल,रामदास व चंद्रभान समेत दर्जनों ग्रामीणों ने आपबीती सुनाई।
शिक्षा व विवाह में बाधक बनी खाई व तोड़फोड़
शकुंतला ने बताया कि 1983 में बाढ़ के चलते जिलाधिकारी ने उन लोगों को वहां बसाया था। अब वन विभाग के अधिकारी उत्पात मचाए हैं। उसने बताया कि सड़क पर खाई खोदकर बच्चों की शिक्षा अवरुद्ध किया गया है। तो वहीं आवास तोड़कर बच्चों के विवाह रुकवा दिए हैं। ऐसे में कोई भी उनका सहयोग नहीं कर रहा है। उसने कहा कि फिर हमारे मतदान का क्या आशय?
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश