नई नैक मान्यता पद्धति के बारे में कुलपति ने दी जानकारी
गोरखपुर, 08 अगस्त (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, समन्वयक एवं सभी अधिकारी के साथ निदेशक आईक्यूएसी और रैंकिंग सेल के सदस्य शामिल हुएl बैठक में निदेशक आईक्यूएसी प्रो. सुधीर श्रीवास्तव ने एक प्रेजेंटेशन के जरिए नई नैक मान्यता पद्धति के बारे में सभी को महत्वपूर्ण जानकारी दी।
कुलपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन की तैयारी का उद्देश्य डाटा कलेक्शन नहीं बल्कि डाटा इंप्रूवमेंट है। नैक की तैयारियों के जरिए गुणवत्तापूर्ण सुधार के सुझाव आने चाहिए जिसका फायदा नैक मूल्यांकन में भी मिलेगा। जैसे हमने इंडियन नॉलेज सिस्टम का एक केंद्र तथा अयोध्या अध्ययन केंद्र स्थापित किया है। हमें डाटा मैनिपुलेशन के बजाय डाटा एलाइनमेंट पर ध्यान देना होगा। अब नैक के डाटा ही एनआईआरएफ रैंकिंग में प्रयोग ही रहा है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने 2023 में नैक द्वारा ए प्लस प्लस की मान्यता हासिल की थी तथा नए दिशा-निर्देशों के अनुसार 2027 में मान्यता के लिए आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया में पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों (2024-25, 2025-26 और 2026-27) के डेटा का उपयोग किया जाएगा। अब प्रत्येक वर्ष या डाटा ऑनलाइन नैक को उपलब्ध कराना होगा। इसी संदर्भ में सभी स्टेकहोल्डर को नई प्रक्रिया से अवगत कराया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय अपने संबद्ध कॉलेजों को नैक की नई प्रक्रिया से अवगत कराएगा तथा सहायता प्रदान करेगा।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस नई पद्धति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि संशोधित नैक मान्यता प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित और केंद्रित मूल्यांकन मीट्रिक की ओर बदलाव को दर्शाती है। इससे संस्थान अपनी अनूठी ताकत और प्रभावों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रदर्शित कर सकेंगे। गोरखपुर विश्वविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और हम इन नए मानदंडों को पूरा करने के लिए लगन से काम करेंगे। हमारा समर्थन सभी संबद्ध कॉलेजों तक फैला हुआ है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे इस बदलाव के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा