वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं ने ट्रामा सेंटर प्रशासन के खिलाफ उठाई आवाज
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र नेता डॉ. मृत्युंजय तिवारी 'आजाद', छात्र परिषद के पूर्व सदस्य अभिषेक सिंह और छात्र नेता अभय सिंह 'मिक्कू' ने पराड़कर भवन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बीएचयू के ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और प्रशासनिक गुंडागर्दी जैसे गंभीर आरोप लगाए।
छात्र नेताओं ने ट्रामा सेंटर के प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ट्रामा सेंटर को अपनी निजी जागीर बना लिया है। उन्होंने 26 मई को चिकित्सक-शिक्षकों के साथ बदसलूकी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रामा सेंटर के प्रभारी बाउंसरों को अपने निजी लठैत की तरह उपयोग करते हैं, जो मरीजों, तीमारदारों, शिक्षकों और छात्रों को धमकाते हैं। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि ट्रामा सेंटर में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि ट्रामा सेंटर में नियुक्त बाउंसरों का पुलिस सत्यापन तक नहीं हुआ है और उनमें से कई आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, जिसके कारण मरीजों और तीमारदारों को अपमान सहना पड़ता है। कहा कि नियमानुसार, ट्रामा सेंटर का संचालन चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक द्वारा गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के रूप में किया जाना चाहिए।
छात्र नेताओं ने ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय को माफिया गठजोड़ का अड्डा बताते हुए कहा कि जेल में बंद माफियाओं को धन लेकर अस्पताल में भर्ती कर उन्हें ऐशगाह प्रदान किया जाता है, जबकि आम मरीजों को उचित इलाज नहीं मिलता। उन्होंने आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज में अनावश्यक बाधाएं डालने और निजी पैथोलॉजी को बढ़ावा देने की भी आलोचना की।
नेताओं ने ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय को मरीज-मित्रवत बनाने के लिए आंदोलन की घोषणा की। आंदोलन के पहले चरण में 300 छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया था। दूसरे चरण में 8 जून को सायंकाल बीएचयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार शुक्ल के नेतृत्व में छात्रों, पूर्व छात्रों, नागरिकों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं, चिकित्सकों और शिक्षकों द्वारा एक मौन जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें प्रशासनिक गुंडागर्दी के खिलाफ रोष व्यक्त किया जाएगा।
छात्र नेताओं ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ट्रामा सेंटर की स्थिति से अवगत कराया है और उनके संसदीय क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्था को बर्बादी से बचाने के लिए कटिबद्ध हैं।