वाराणसी : नगर निगम के फैसले के खिलाफ संतों का विरोध तेज, आमरण अनशन की चेतावनी, पातालपुरी मठ में हुई बैठक
पातालपुरी मठ में हुई बैठक में विभिन्न मठों के संत शामिल हुए। इस दौरान नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और संतों का आक्रोश खुलकर सामने आया। संतों का कहना है कि नगर निगम द्वारा हाल ही में आधा दर्जन से अधिक मठों को सीवर टैक्स और जल कर का नोटिस भेजा गया है। इसके साथ ही कुछ मठों को गृह कर का भी नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में टैक्स न जमा किए जाने की स्थिति में मठों की कुर्की की कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है, जिसे संतों ने अपमानजनक और अनुचित बताया है।
संतों का तर्क है कि मठ किसी व्यावसायिक गतिविधि से नहीं चलते, बल्कि भिक्षा और शिष्य परंपरा के माध्यम से उनका संचालन होता है। ऐसे में टैक्स देना उनके लिए संभव नहीं है। संतों की मांग है कि मठों से संबंधित सभी प्रकार के टैक्स को पूरी तरह माफ किया जाए और जारी किए गए नोटिस तत्काल वापस लिए जाएं। बैठक के बाद महंत बालकदास ने बताया कि संतों द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी नगर निगम प्रशासन को दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल नोटिस आना बंद हो गए हैं, लेकिन अब तक नगर निगम की ओर से लिखित रूप में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है और न ही कोई सक्षम अधिकारी वार्ता के लिए आगे आया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर विचार नहीं हुआ तो आमरण अनशन किया जाएगा। इसके लिए देशभर के संतों को पत्र भेजे जा चुके हैं और आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि मठों का गृह कर माफ कर दिया गया है, लेकिन सीवर और जल कर देना अनिवार्य है।