वाराणसी: माघ मास की गणेश चतुर्थी सोमवार को,व्रत के लिए महिलाओं ने तैयारी की
-धर्मराज युधिष्ठिर ने भी इस व्रत को किया था
वाराणसी,28 जनवरी (हि.स.)। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी गणेश चौथ (संकष्टी चतुर्थी) इस बार 29 जनवरी सोमवार को खास शोभन योग में मनेगी। संतान के दीर्घायु और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ महिलाएं गणेश चौथ व्रत रखेंगी। शाम को भगवान गणेश की आराधना कर चंद्रोदय होने पर चंद्रदेव को जल अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगी। रविवार को घरों में गणेश चौथ व्रत की तैयारियों में महिलाएं जुटी रहीं। घरों में साफ-सफाई के साथ व्रत के लिए पूजन सामग्री और मौसमी फलों की महिलाओं ने खरीदारी की। गणेश चतुर्थी को लेकर लोहटिया स्थित बड़ा गणेश सहित नगर के अन्य गणेश मंदिरों में भी साफ-सफाई के बाद तैयारियों को अन्तिम रूप दिया गया।
पंचांग के अनुसार सोमवार को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से चतुर्थी तिथि का आरंभ होगा और इसके अगले दिन यानी 30 जनवरी 2024 को सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 29 जनवरी को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। ज्योतिर्विद मनोज उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को रात 8 बजकर 52 मिनट पर चंद्रोदय होगा। वाराणसी के अलावा अन्य शहरों में चंद्रोदय के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। व्रती महिलाएं शाम को चावल, दूर्वा, शमी, बेलपत्र, गुड़, तिल से बने लड्डू, धूप, दीप नौवेद्य,मौसमी फल चढ़ाकर भगवान गणेश की विधि विधान से पूजन-अर्चन के बाद गणेश चतुर्थी की कथा सुनती है। फिर चंद्र को अर्घ्य देकर पुत्र के दीर्घायु की कामना करती है। इस दिन गौरी पुत्र भगवान गणेश, संकठा माता और चंद्रदेव की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। मान्यता है कि इस दिन गणेशजी और चंद्रदेव की पूजा करने से संतान के दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के कहने पर प्रजा के दीर्घायु होने के लिए धर्मराज युधिष्ठिर ने इस व्रत को रखा था।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम