पुरुष नसबंदी कराने में वाराणसी दूसरे स्थान पर, प्रयागराज पहले व गाजीपुर तीसरे स्थान पर

 


—लगातार बढ़ रही परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों की पहुँच

—पखवाड़ा में वाराणसी में हुईं 1762 महिला और 175 पुरुष नसबंदी

वाराणसी, 01 अगस्त (हि.स.)। परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में एक जून से 31 जुलाई तक विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा आयोजित किया गया। तीन चरण में संचालित पखवाड़ा में वाराणसी जनपद ने महिला नसबंदी को लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही पुरुष नसबंदी में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। 11 जुलाई से 31 जुलाई तक संचालित किए गए सेवा प्रदायगी पखवाड़ा में महिला और पुरुष नसबंदी के साथ ही साथ अस्थायी साधनों जैसे पीए आईयूसीडी, इंटरवल आईयूसीडी, पीपी आईयूसीडी, अंतरा तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गोली, माला एन, आपातकालीन गोली (ईसीपी) और कंडोम की सेवाएं भी प्रदान की गईं। प्रयागराज में 213 और गाज़ीपुर में 57 पुरुष नसबंदी हुईं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने गुरूवार को बताया कि सेवा प्रदायगी पखवाड़े में वाराणसी के सभी ब्लॉक व नगर स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्स, एएनएम, सीएचओ, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं के साथ ही पुरुष व महिला नसबंदी के सर्जन ने बहुत मेहनत की है। इसी मेहनत का परिणाम है कि जनपद ने 1762 महिला नसबंदी कर प्रदेश में पहला स्थान और 175 पुरुष नसबंदी कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है।

सीएमओ ने बताया कि पहले की अपेक्षा समुदाय में परिवार कल्याण कार्यक्रम की सेवाओं की धीरे–धीरे पहुँच बढ़ रही है। सीमित व खुशहाल परिवार के लिए लोग जागरूक हो रहे हैं। इस संदेश को बढ़ावा मिले, साथ ही परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों की पहुँच लक्षित लाभार्थियों और दंपति तक हो सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।

परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्या ने बताया कि जन जागरूकता और सभी चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों, सर्जन, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर के अलावा यूपीटीएसयू और पीएसआई इंडिया संस्था के जिला प्रतिनिधियों के द्वारा किए गए प्रयासों से वाराणसी ने बेहतर उपलब्धि हासिल की है। सभी नियोजित 42 नियत सेवा दिवस (नसबंदी सेवा शिविर) आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि नसबंदी कराने वाले महिला व पुरुषों को क्रमशः 2000 रुपये और 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाती है, जो सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचती है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / मोहित वर्मा