वाराणसी: जिले में तल्ख गर्मी और हीट वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक

 


-हीट स्ट्रोक, हीट रैश व हीट वेव जानलेवा, बचाव ही इसका उपचार: सीएमओ

वाराणसी, 08 अप्रैल (हि.स.)। जिले में बढ़ रही गर्मी और तल्ख धूप, आगामी गर्म हवा (लू) के प्रकोप व हीट स्ट्रोक (तापघात) से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एड्वाइजरी जारी की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार तल्ख मौसम में बच्चों से लेकर वृद्धजन को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, मिचली और उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती है। इससे बचाव के लिए प्राथमिक उपचार बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि गर्मी के प्रभाव और इसके कारण उत्पन्न होने वाले रोगों के प्रबंधन व प्रभावी तैयारियों के लिए सभी जिला स्तरीय चिकित्सालयों को निर्देशित किया गया है कि हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प और हीट वेव से होने वाली समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें।

सीएमओ ने बताया कि गर्म हवा और तेज धूप से जन-हानि भी हो सकती है। सबसे ज्यादा खतरा एक वर्ष से कम आयु के शिशु व अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती, बाह्य वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्तियों को है। पिछले कुछ दिनों से तापमान भी बढ़ रहा है।

-ऐसे करें अपना और परिजनों का बचाव

तेज धूप और गर्म हवा से बचें। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें, जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें, हल्के रंग के ढीले-ढीले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें। सफर में अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं। आपका काम अगर बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम पन्ना इत्यादि का सेवन करें।अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़किया खुली रखें।

अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।

क्या करें - क्या न करें

धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं वृद्धजनों को न छोड़े, खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें, खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें। ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके।

उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैं, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश