वाराणसी : पर्यावरण संरक्षण के लिए एनजीटी के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर
-एनजीटी के न्यायिक सदस्य डॉ अफरोज अहमद की अध्यक्षता में बैठक
वाराणसी, 01 दिसम्बर(हि.स.)। जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए एनजीटी के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने को लेकर शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में एनजीटी के न्यायिक सदस्य डॉ अफरोज अहमद की अध्यक्षता में बैठक हुई।
बैठक में वाराणसी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, खतरनाक अपशिष्ट के सुरक्षित निस्तारण, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट, इ-वेस्ट प्रबंधन, उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र के संचालन तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण के विभिन्न वादों व आदेशों के अनुपालन के संबंध में डॉ अफरोज ने अफसरों से विस्तार से जानकारी ली।
बैठक में डॉ अफरोज ने कोयले के स्थान पर पीएनजी अपनाने का सुझाव दिया। रमना एसटीपी के बारे में विस्तार से जानकारी ली। जिस पर क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 100 टन कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। डॉ अहमद ने एनजीटी के आदेश 606 के अनुसार एसटीपी को तीन भाग में रखने का सुझाव दिया। जिसमें इंटरप्रिटेशन सेंटर, जैव विविधता पार्क तथा तीसरा भाग उसके फैलाव के लिए रखने का सुझाव दिया। शहर के बाहर अच्छे से नदी के जलग्रह एरिया को रोकने के लिए मेढ़ों पर पेड़ लगाने, पिलर लगाने को निर्देशित किया। एनजीटी के न्यायिक सदस्य ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के निस्तारण की वर्तमान में जानकारी लेने के साथ 24 घण्टें के अंदर प्रोफेशनल तरीके से निस्तारण करने को निर्देश भी दिया। एग्रोफॉरेस्टरी तथा अर्बन फॉरेस्टरी अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने उद्योग बंधुओं के साथ बैठक करके उनको पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएसआर तथा सीईआर फंड का इस्तेमाल करने को प्रेरित करने को कहा।
नदियों के कैचमेंट एरिया को बचाने, कीटनाशकों के प्रयोग को गंगा में मिलने से रोकने तथा नदी किनारे हरियाली को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक लोगों को इसमें शामिल करने का सुझाव दिया। बैठक में डॉ. अफरोज अहमद ने संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों से कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने हरित विकास पर विशेष सुझाव देते हुए कहा की जनपद में मुख्य बिंदुओं को चिह्नित करके अच्छा प्लान तैयार करें ताकि हरित विकास उच्च स्तर पर हो सके। बैठक में जिलाधिकारी एस.राजलिंगम व अफसर भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश