वाराणसी: गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की वर्षगांठ पर उतारी आरती, किया दुग्धाभिषेक
राष्ट्रीय गंगा उत्सव में भारत को एक सूत्र में बांधने वाली गंगा के संरक्षण का आह्वान
वाराणसी, 4 नवंबर (हि.स.)। गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की वर्षगांठ (चार नवंबर) पर मंगलवार को नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर आरती उतारी। इस कार्यक्रम में दशाश्वमेध घाट पर बड़ी तादाद में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी आरती में भाग लेकर पुण्यलाभ लिया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से मनाए जा रहे 'राष्ट्रीय गंगा उत्सव' के अवसर पर आम लोगों से भी गंगा के संरक्षण का आह्वान किया गया।
नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने वाली मां गंगा के किनारे स्वच्छता अभियान भी चलाया। इसके बाद पर्यावरण संरक्षण व गंगा स्वच्छता का संदेश देते हुए मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया।
कार्यक्रम संयोजक राजेश शुक्ला ने इस दौरान कहा कि मां गंगा नदी नहीं, एक संस्कृति हैं। आस्था की प्रतीक और आजीविका का स्रोत भी हैं। जो राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। मां गंगा के बिना भारतीय सभ्यता अधूरी है। गंगा सेवक ने कहा कि देश में विविध भाषाएं, धर्म, संस्कृति, संगीत होने के बावजूद कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमें बांधे रखती हैं, एकजुट रखती हैं… गंगा उनमें से एक है। गंगा की निर्मलता के लिए योगदान करना हम सभी का राष्ट्रीय और नैतिक दायित्व है।
बताते चलें कि पूर्व प्रधानमंत्री अब स्मृतिशेष डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने गंगा नदी को 4 नवंबर 2008 को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया था। आयोजन में सारिका गुप्ता, रमाशंकर गुप्ता, सुमन गुप्ता, गणेश वर्मा, राजकुमारी वर्मा, विजय वर्मा, नीलम वर्मा आदि ने भी भागीदारी की।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी