स्मार्ट प्रीपेड मीटर : एग्रीमेंट किया एसएमएस भेजने का चार्ज छह पैसा और लेना चाहते हैं 10 रुपये, उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
लखनऊ, 13 अगस्त
(हि.स.)। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के कनेक्शन जोड़ने व काटने के शुल्क 50-50 रुपये लेने व स्मार्ट
प्रीपेड मीटर विद्युत बकाए पर कनेक्शन काटने हेतु भेजे जाने वाले एसएमएस का चार्ज
रुपया 10 वसूलने को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार
की छवि धूमिल करने वाला बताया है।
उपभोक्ता परिषद
ने कहा कि कि पावर कारपोरेशन स्वयं ही पांच से छह पैसे प्रति एसएमएस का एग्रीमेंट कर
चुका है और उपभोक्ताओं से 10 रुपये की वसूली कर रहा है। यह असंवैधानिक है।इसके पहले
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड जब स्मार्ट
मीटर लगा रहा था, तब भी
अधिकतम 10 पैसा प्रति एसएमएस तय हुआ था। फिर पावर कॉर्पोरशन उसे भूल गया। टेलीकॉम रेगुलेटरी
अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी एसएमएस का चार्ज 5 पैसे प्रति एसएमएस तय
कर चुका है। उसे भी शायद नहीं पढा होगा।
उपभोक्ता परिषद ने कहा किएसएमएस चार्ज10
रुपये और कनेक्शन काटने व जोडने के शुल्क को 50-50 रुपये प्रस्तावित करने के पीछे बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के जेब से प्रत्येक
माह करोडों रुपया निकालने की साजिश कर रही।उपभोक्ता परिषद ने इसका पूरा आंकड़ा जारी कर कहा, इसे कत्तई लागू नहीं
होने देंगे। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। प्रदेश की बिजली कंपनियां जहां सभी विद्युत उपभोक्ताओं
के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान शुरू करने वाली है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध करते
हुए इसे आसंवैधानिक बताया था और विद्युत नियामक आयोग में आपत्ति दाखिल की थी, जिसके जवाब में अब
पावर कॉरपोरेशन विद्युत नियामक आयोग को यह उत्तर भेजा है कि
सरकारी उपक्रम बैंक व वित्तीय संस्थान भी एस0एम0एस का चार्ज लेते हैं, इसलिए पावर कॉरपोरेशन भी
रुपया 10 प्रति एसएमएस लेना चाहता है।
साथ ही बकाया पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर जो ऑटोमेटिक ही सप्लाई को काट देगा। उस पर भी पावर कॉरपोरेशन कनेक्शन जोडने व काटने की फीस रुपया 50 प्रति जॉब वसूलने के मामले में यह तर्क दे रहा है कि इससे उपभोक्ता
हतोत्साहित होगा। अब पूरा मामला विद्युत नियामक आयोग के पाले
में है। उपभोक्ता परिषद को उम्मीद है कि जीत उपभोक्ताओं की होगी।
उत्तर
प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियां सरकार
की छवि धूमिल करने पर आमादा है।उन्हें शायद
यह पता नहीं है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कनेक्शन जोडने व काटने का शुल्क
विद्युत नियामक आयोग द्वारा इसलिए वर्तमान में शून्य किया गया है, क्योंकि उसमें कहीं ठेलिया से सीडी खींचकर कनेक्शन जोडा और काटा नहीं
जाता। यह सेल्फ जेनरेटेड कंप्यूटर बेस्ड प्रोग्राम है, जो टेंडर की शर्तों में शामिल है। ऐसे में उस पर
शुल्क वसूल किया जाना पूरी तरह गलत है और शायद पावर कारपोरेशन को यह भी ज्ञान होना
चाहिए कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह
कानून बना रखा है की प्रति एसएमएस 5 पैसा वसूला जाएगा वही पावर
कारपोरेशन ने खुद उपभोक्ताओं को एसएमएस भेजने के लिए जो टेंडर किया और दर तय की है
वह 5 से 6 पैसा प्रति एसएमएस है। इसके पहले भी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड जब स्मार्ट मीटर लगाया
था, तब भी प्रति एसएमएस 10 पैसा तय
किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय / मोहित वर्मा