बीएचयू में मालवीय जयंती: रंगशाला ने मंच पर जीवंत किया महामना का जीवन
—नाटक में महामना के जीवन-यात्रा को दिखाया गया
वाराणसी, 24 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में मालवीय जयंती समारोह–2025 के अंतर्गत बुधवार सायं विश्वविद्यालय के रंगमंच प्रकोष्ठ “रंगशाला” द्वारा महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन और विचारों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया गया। परिसर स्थित स्वतंत्रता भवन सभागार में प्रस्तुत इस भावपूर्ण और प्रेरक नाटक ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कुलपति सहित उपस्थित आचार्य, विद्यार्थी और गणमान्यजन नाटक की जीवंत प्रस्तुति से प्रभावित दिखे। महामना के जीवन और विरासत पर केंद्रित नाट्य प्रस्तुति “महामना: कथा एक कर्मयोगी की” में प्रतीक त्रिपाठी ने महामना मदन मोहन मालवीय की भूमिका निभाई, जबकि तन्या सिंह चौहान ने युवा महामना के किरदार को सशक्त ढंग से प्रस्तुत किया। प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी ने काशी नरेश और आनंदिता मल्होत्रा ने एनी बेसेंट की भूमिका निभाकर नाटक को प्रभावशाली बनाया।
नाटक का लेखन शोध विद्यार्थी हिमांशु तिवारी एवं अंकित मिश्रा ने किया, जबकि निर्देशन शोध छात्र रवि कुमार राय के नेतृत्व में हुआ। सह-निर्देशन की जिम्मेदारी समीर तिवारी और शगुन श्रीवास्तव ने निभाई। पारंपरिक जीवनी शैली से हटकर इस नाटक में महामना के बौद्धिक, नैतिक और शैक्षिक संघर्षों को भारतीय चेतना के निर्माण की पृष्ठभूमि में सशक्त रूप से प्रस्तुत किया गया।
नाट्य प्रस्तुति में महामना के प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, वकालत और कॉलेज छोड़ने के निर्णय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के स्वप्न को साकार करने हेतु सत्ता से उनके निर्भीक संघर्ष, साथ ही उनके निजी जीवन के संघर्षों और पत्नी मूना देवी की महत्वपूर्ण भूमिका को भी प्रभावी ढंग से मंचित किया गया।
खचाखच भरे स्वतंत्रता भवन सभागार को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने नाटक से जुड़े कलाकारों एवं पर्दे के पीछे कार्यरत सहयोगियों को शुभकामनाएं दीं और विद्यार्थियों द्वारा किए गए इस रचनात्मक प्रयास की सराहना की।
रंगशाला के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि नाटक का लेखन, निर्देशन, अभिनय एवं मंचीय रचनात्मकता पूर्णतः विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ही संपन्न की गई है। वहीं रंगशाला के सह-समन्वयक डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए नाटक के स्वरूप, कलाकारों और समूह के अन्य सदस्यों से उपस्थित जनसमूह को परिचित कराया। इस अवसर पर कला संकाय की संकाय प्रमुख प्रो. सुषमा घिल्डियान, छात्र अधिष्ठाता प्रो. रंजन कुमार सिंह सहित विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी, आचार्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी