वाराणसी: संस्कृत भारती काशी प्रान्त के प्रबोधन वर्ग का समापन
—संस्कृत पर आधारित है भारतीय संस्कृति: विश्वभूषण मिश्र
वाराणसी,29 दिसंबर (हि.स.)। संस्कृत भारती काशी प्रान्त का सात दिवसीय प्रबोधन वर्ग का समापन कार्यक्रम सोमवार को अस्सी स्थित श्री स्वामी शीतल दास अखाड़ा में सम्पन्न हुआ।
समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि संस्कृत पर ही भारतीय संस्कृति आधारित है। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा संस्कृत है। मुख्य वक्ता सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. गोपबन्धु मिश्र ने कहा कि संस्कृत को अपने जीवन में उतार कर निरन्तर प्रसार के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए महर्षि सन्दीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के उपाध्यक्ष प्रो. हृदयरंजन शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा की संवाहिका संस्कृत भाषा है। प्रस्ताविक भाषण संस्कृत भारती के प्रान्त मन्त्री नागेश पाण्डेय ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रामनारायण दिवेदी संस्कृत भारती काशी प्रान्त के अध्यक्ष ने किया। प्रबोधन वर्ग मे संस्कृत भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री प्रमोद पण्डित ने सम्पूर्ण वर्ग में रहकर कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। अतिथियों का परिचय एवं स्वागत डॉ शालिग्राम त्रिपाठी सह प्रान्त मंत्री काशी प्रांत ने किया। सत्या तथा दिव्या ने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में काशी प्रांत के उपाध्यक्ष वेंकट रमण घनपाठी, डॉ अशोक चौधरी, डा अमर चंद्र ठाकुर, डॉ शैलेंद्र दीक्षित, श्री राम पांडेय, विमल, विवेक, ओम राजन, शिवम मौर्य आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी