हिंदू शब्द मात्र धर्म नहीं, समस्त भारतीयों की पहचान : अभय कुमार
—आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर वाराणसी में कई स्थानों पर हिंदू सम्मेलन
वाराणसी, 21 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को धर्म नगरी काशी (वाराणसी) के विभिन्न क्षेत्रों में हिंदू सम्मेलनों का आयोजन किया गया। इस क्रम में संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र धर्म जागरण प्रमुख अभय कुमार ने कहा कि हिंदू शब्द केवल एक धर्म सूचक शब्द नहीं है, बल्कि यह समस्त भारतीयों की पहचान है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक काल में जब भारत में सभी सनातनी थे, तब ‘हिंदू’ शब्द का विशेष प्रयोग नहीं होता था। अन्य संप्रदायों के आगमन के बाद पहचान के रूप में इस शब्द का प्रयोग बढ़ा। अभय कुमार बृज एंक्लेव कॉलोनी स्थित मुंशी प्रेमचंद पार्क, जानकी नगर के पद्मजा लॉन तथा चेतगंज के सेनपुरा मैदान में आयोजित हिंदू सम्मेलनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत और भारतीय संस्कृति को सही अर्थों में वही समझ सकता है जो स्वयं भारत से जुड़ा हो। हिंदू शब्द के प्रयोग को लेकर समाज में जो संकोच है, उसका कारण लगभग 2300 वर्षों तक चले आक्रमण और उस दौरान फैलाए गए भ्रम हैं। लंबे समय तक बोले गए झूठ कभी-कभी सत्य जैसे प्रतीत होने लगते हैं। अभय कुमार ने बताया कि भारत में जातियों का लिखित उल्लेख 1872 के बाद मिलता है, जबकि छुआछूत का उल्लेख 712 ई. से प्रारंभ होता है। स्वतंत्रता के बाद हिंदू समाज को सामान्य, अनुसूचित जाति और जनजाति में तथा 1990 में पिछड़ा वर्ग के रूप में विभाजित किया गया। उन्होंने सामाजिक समरसता के लिए सहभोज और सामूहिक विमर्श को आवश्यक बताया।
—हम सब हिंदू हैं, हमारी एक ही भारत माता है: स्वांत रंजन
काशी उत्तर भाग के विश्वनाथ नगर (चांदमारी) में आयोजित सकल हिंदू समाज के सम्मेलन में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि विभिन्न जातीय इकाइयों में रहने के बावजूद हम सभी हिंदू हैं और हमारी एक ही भारत माता है। उन्होंने सहभोज, सामूहिक विवाह और सामाजिक समरसता को हिंदू समाज की एकता का आधार बताया। उन्होंने पारिवारिक विघटन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार और मोहल्ले की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। बच्चों को केवल धन कमाने की मशीन न बनाया जाए। स्व-बोध पर बल देते हुए उन्होंने हिंदी में हस्ताक्षर को आत्मचेतना का प्रारंभिक माध्यम बताया।
—कुटुंब भाव से संगठित रहता है हिंदू समाज: रमेश
काशी दक्षिण भाग के रोहनिया स्थित शिवधाम नगर में आयोजित सम्मेलन में आरएसएस काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि कुटुंब का भाव ही हिंदू समाज को संगठित रखता है। उन्होंने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि करोड़ों लोगों का एक साथ भोजन करना भारतीय परिवार व्यवस्था की सशक्त मिसाल है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत आर्थिक रूप से समृद्ध था, किंतु आंतरिक विघटन का लाभ उठाकर अखंड भारत के टुकड़े किए गए, जिससे लगभग दो करोड़ हिंदुओं को पलायन करना पड़ा। वर्तमान समय में हिंदू समाज की समस्याओं का समाधान एकता, समरसता, बंधुत्व और संगठन में निहित है। शिवधाम नगर में सम्मेलन के पूर्व मातृशक्तियों ने कलश यात्रा भी निकाली ।
—अन्य सम्मेलनों में भी वक्ताओं ने रखे विचार
इसी तरह काशी उत्तर भाग के गौतम नगर में आयोजित सम्मेलन को बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण के जीवन से समाज को प्रेरणा लेने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त उत्तर भाग के न्याय नगर में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षाविद डॉ हरेन्द्र राय, प्रेमचन्द नगर में प्रान्त घोष प्रमुख राकेश , राजर्षि नगर में विभाग सम्पर्क प्रमुख दिनेश ,शिवनगर में विभाग सेवा प्रमुख संजय आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी