वाराणसी के रणवीर संस्कृत विद्यालय कमच्छा में बच्चों के गीता श्लोक गायन से मंत्रमुग्ध हुए परीक्षक

 


— छोटे-छोटे बच्चों (बटुकों) के शुद्ध गीता के श्लोक का उच्चारण और लयबद्ध गायन ने सनातन की आभा बिखेरी

वाराणसी, 22 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी कमच्छा स्थित श्री रणवीर संस्कृत विद्यालय में सोमवार को आयोजित गीता श्लोक गायन एवं भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रतियोगिता में छोटे-छोटे बटुकों ने अपने शुद्ध उच्चारण और लयबद्ध गायन से उपस्थित सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीता ज्ञान और भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रतियोगिता के परीक्षक बच्चों के आत्मविश्वास और संस्कारयुक्त प्रस्तुति देखकर भावविभोर हो उठे।

यह प्रतियोगिता गीता जयंती एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। कार्यक्रम में कक्षा तीन से कक्षा आठ तक के कुल 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का सस्वर पाठ करते हुए सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा की झलक प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत भाषा में करते हुए डॉ. प्रदीप दीक्षित ने स्वागत भाषण दिया।

उन्होंने विद्यालय के प्राचार्य डॉ. आनंद कुमार जैन, उप-प्राचार्या डॉ. आराधना तिवारी तथा अध्यापिकाएं डॉ. अंजना जायसवाल, सुनीता सिंह और गरिमा श्रेष्ठ के मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उप-प्राचार्या डॉ. आराधना तिवारी ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के विचारों को स्मरण करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि महामना स्वयं विद्यार्थियों को गीता अध्ययन के लिए प्रेरित करते थे और इसे जीवन निर्माण का आधार मानते थे। प्रतियोगिता के मुख्य संयोजक, गीता ज्ञान शिक्षक एवं चीफ फार्मासिस्ट ऑफिसर अखिलेश कुमार राय तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त सहायक कुलसचिव डॉ. नरेश चंद्र पाण्डेय ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि इतने छोटे बच्चों के मुख से गीता के श्लोक सुनकर उनका हृदय प्रसन्नता से भर गया।

बताया गया कि महामना स्मृति संस्कार पुस्तकालय द्वारा संचालित इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से शहर के दो दर्जन से अधिक विद्यालयों में हजारों विद्यार्थियों ने भाग लिया है। कार्यक्रम के अंत में अखिलेश कुमार राय ने अपना स्व-रचित गीत

“गीता का गीत गायेंगे हम, विकसित भारत बनायेंगे हम,महामना कहते हैं गीता पढ़ो, शूरवीर बनके आगे बढ़ो…”प्रस्तुत किया, जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी