मैक्स मूलर द्वारा स्थापित शिक्षा प्रणाली बदलने की आवश्यकता : स्वामी नरेन्द्रानंद
—आरएसएस के शताब्दी वर्ष में हिन्दू सम्मेलन
वाराणसी, 25 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में गुरूवार शाम संघ के काशी दक्षिण भाग गंगानगर में शिवपुरी कॉलोनी स्थित पार्क में सकल हिंदू समाज ने हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता अस्सी स्थित काशी सुमेरूपीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आस्था श्रद्धा के केन्द्रों पर कुठाराघात करने वालों पर नियंत्रण आवश्यक है। वेदों में एक वाक्य है शठे शाठ्यम समाचरेत अर्थात बुरे के साथ बुरा बर्ताव ही शोभा देता है।
शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद ने कहा कि जब— जब भारतीय समाज पर आक्रांताओं का प्रभाव बढ़ा है। तब— तब किसी महापुरुष ने उनका विरोध किया है। 21 दिसंबर से 27 दिसंबर तक का यह शहीदी सप्ताह गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को स्मरण दिलाता है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के जन्मदिवस को स्मरण करते उन्होंने कहा कि महामना ने भी हिंदू मानवर्धन के लिए अनेक कार्य किया। उन्होंने कहा कि 18वीं शताब्दी में मैक्स मूलर द्वारा स्थापित यह शिक्षा प्रणाली बदलने की आवश्यकता है। शिक्षा केन्द्रों में गीता, रामायण, महाभारत, छत्रपति शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई जैसे विषयों को पढ़ाया जाना चाहिए।
संघ के पंचप्रण का जिक्र कर उन्होंने कहा कि स्वदेशी को जीवन में लाना आवश्यक है। पंच प्रण में दूसरा बिंदु कुटुंब प्रबोधन है । पारिवारिक संस्कार बालक बालिकाओं को केवल बड़े परिवारों में रहकर ही आ सकते हैं। दहेज एवं भ्रूण हत्या का निषेध परिवारों में होना चाहिए। प्राचीन भारत में समरसता का उदाहरण देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि वेदव्यास की माता निषाद समुदाय से थी। फिर भी वेदव्यास को उतना ही सम्मान प्राप्त है। सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि संतोष भारती ने बताया कि हम सब हिंदू एक ही परम पिता की संताने हैं। हमारी पहचान केवल एक हिंदू होना चाहिए। सम्मेलन में संघ के काशी प्रांत के सह प्रांत प्रचारक सुनील की भी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अखिलेंद्र शास्त्री एवं अंशिका ने भजनों की सुंदर प्रस्तुति की। इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। मंच पर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के पादुका का पूजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में भारत माता की सामूहिक आरती की गई । पूरे कार्यक्रम का संचालन सुनील किशोर एवं धन्यवाद ज्ञापन राजेश पाठक ने किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी