वाराणसी: छोटे बच्चों से नौका संचालन न करायें,जीवन रक्षक उपकरण रखना अनिवार्य
— नववर्ष के पूर्व संध्या पर गंगा नदी में नौकायन को लेकर दिशा—निर्देश
वाराणसी, 28 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी) में नववर्ष और नववर्ष की पूर्व संध्या पर गंगा नदी में उमड़ने वाली संभावित भीड़ को देखते हुए वाराणसी प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। गंगा में सुरक्षित नौकायन सुनिश्चित करने के लिए जल पुलिस द्वारा नाविकों और नाव संचालकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। रविवार को सहायक पुलिस आयुक्त (जल पुलिस) विजय प्रताप सिंह ने दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस चौकी पर नाविकों और नाव संचालकों के साथ बैठक की। बैठक में नववर्ष के साथ-साथ माघ मेले के दौरान प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और नौका संचालन से जुड़े आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में नाव की निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाया जाए। प्रत्येक नाव में जीवन रक्षक उपकरण जैसे ट्यूब, रस्सा और अन्य सुरक्षा सामग्री अनिवार्य रूप से रखी जाए। यात्रियों को नाव पर बैठाने से पूर्व किराया तय कर लिया जाए, ताकि बाद में किसी प्रकार का विवाद न उत्पन्न हो। एसीपी ने निर्देश दिया कि नाव में किसी भी प्रकार का असुरक्षित सामान जैसे आग, बीड़ी के टुकड़े या जलती माचिस की तीली न फेंकी जाए और यात्रियों को भी इसके लिए रोका जाए। किसी भी नाविक को मादक पदार्थों का सेवन कर नाव संचालन करने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई नाविक नशे की हालत में नाव चलाते हुए पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने स्पष्ट किया कि गंगा में नौकायन के दौरान बिना लाइफ जैकेट के यात्रियों को बैठाना पूर्णतः प्रतिबंधित है। नाबालिग बच्चों से नौका संचालन नहीं कराया जाएगा। इसके अलावा छोटी और चप्पू वाली नावों का संचालन सायंकाल चार बजे के बाद नहीं किया जाएगा। एसीपी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि गंगा की सायंकालीन आरती दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और नमो घाट—तीनों स्थानों पर आयोजित होती है। नाविकों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी नावों को एक स्थान पर एकत्र कर भीड़ न लगाएं तथा श्रद्धालुओं को तीनों घाटों पर सुव्यवस्थित ढंग से गंगा आरती का दर्शन कराएं। बैठक में प्रभारी निरीक्षक जल पुलिस राज किशोर पाण्डेय, उपनिरीक्षक शशि प्रताप सिंह, रामप्रवेश सिंह तथा 11वीं बटालियन एनडीआरएफ के उपनिरीक्षक अंकुर गंगवार भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी