पूर्वांचल में घने कोहरे का असर जारी, वाराणसी समेत कई जिलों में शीतलहर की चुनौती
—नगर निगम ने ठंड से राहत के लिए 276 स्थानों पर जलवाए अलाव
वाराणसी, 20 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी) सहित पूर्वांचल के कई जिलों में शनिवार को घने कोहरे और सर्द हवाओं का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से लेकर शाम तक जमीन से आसमान तक छाए कोहरे के कारण सूर्यदेव बादलों की ओट में रहे। दिनभर वातावरण में धुंध और कोहरे के चलते लोगों को कड़ाके की ठंड के साथ गलन का भी सामना करना पड़ा। ठंड और कोहरे के असर से दोपहर बाद ही बाजारों में चहल-पहल कम होने लगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग एवं मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के अनुसार आगामी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम में आंशिक बदलाव के संकेत हैं। विभाग का कहना है कि निम्न क्षोभमंडल में व्युत्क्रम परत के कमजोर पड़ने तथा मध्य क्षोभमंडल तक विस्तृत प्रति-चक्रवात की स्थिति में परिवर्तन के कारण अगले 24 घंटों के बाद घने कोहरे में कुछ कमी आ सकती है। इसके साथ ही तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 21 दिसंबर, रविवार के बाद शीत दिवस की परिस्थितियों से अगले दो से तीन दिनों में आंशिक राहत मिल सकती है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद 24 दिसंबर से एक बार फिर कोहरा और घना होने तथा तापमान में गिरावट आने से गलन बढ़ने की आशंका जताई गई है। मौसमी परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जबकि कुछ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बीएचयू के मौसम विशेषज्ञों ने भी 25 दिसंबर तक लगातार घने कोहरे की संभावना व्यक्त की है। बीते 24 घंटों में वाराणसी का अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से कम रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.7 डिग्री अधिक है।
—ठंड से बचाव के लिए नगर निगम की पहल
शीतलहर और बढ़ती ठंड को देखते हुए वाराणसी नगर निगम ने आमजन को राहत देने के लिए व्यापक स्तर पर अलाव जलाने की व्यवस्था की है। नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल के निर्देश पर शनिवार शाम नगर क्षेत्र में कुल 276 स्थानों पर अलाव जलवाए गए। यह व्यवस्था शहर के प्रमुख चौराहों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, शेल्टर होमों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर की गई है, जहां जरूरतमंद, राहगीर और निराश्रित लोगों की आवाजाही अधिक रहती है।
नगर आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ठंड की तीव्रता को देखते हुए अलाव व्यवस्था की नियमित निगरानी की जाए और आवश्यकता पड़ने पर अलाव की संख्या में और वृद्धि सुनिश्चित की जाए, ताकि शीतलहर से आमजन को राहत मिल सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी