आईआईटी कानपुर और डिकुल एएम के बीच ऑर्थोपेडिक व स्पाइनल इम्प्लांट्स के लिए एमओयू

 


कानपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और डिकुल एएम प्राइवेट लिमिटेड ने ऑर्थोपेडिक एवं स्पाइनल उपचार के लिए मरीज-विशिष्ट, 3डी-प्रिंटेड बायोडिग्रेडेबल एवं नॉन-बायोडिग्रेडेबल इम्प्लांट्स के डिजाइन, विकास और निर्माण में सहयोग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस सहयोग के अंतर्गत आईआईटी कानपुर कस्टमाइज़्ड इम्प्लांट समाधानों के डिजाइन और विकास का नेतृत्व करेगा, जबकि डिकुल एएम प्राइवेट लिमिटेड लागू नियामक मानकों के अनुरूप इनके निर्माण की जिम्मेदारी संभालेगा। वर्धा स्थित दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च इस साझेदारी में प्रमुख क्लिनिकल सहयोगी के रूप में शामिल होगा और क्लिनिकल ट्रायल्स की शुरुआत में सहयोग प्रदान करेगा।

एमओयू हस्ताक्षर समारोह के दौरान सोमवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने उन्नत चिकित्सा इम्प्लांट्स के स्वदेशी विकास के लिए बहु-संस्थागत एवं उद्योग साझेदारियों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सहयोग मेक इन इंडिया पहल और विकसित भारत अभियान 2047 के तहत राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं।

इस परियोजना का नेतृत्व जैविक विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी विभाग के प्रो. अशोक कुमार और उनकी टीम कर रही है। यह पहल गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की एक प्रमुख परियोजना है, जिसके वर्तमान प्रमुख प्रो. संदीप वर्मा हैं। प्रो. कुमार और प्रो. वर्मा दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के रणनीतिक अकादमिक उद्योग–क्लिनिकल सहयोग भारत की वैश्विक चिकित्सा इम्प्लांट्स बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप