जन औषधि केंद्र पर दवा चार गुना महंगी बेचने का आरोप
अमेठी, 27 दिसंबर (हि.स.)। आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोले गए जन औषधि केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। सीएचसी शुकुल बाजार में संचालित जन औषधि केंद्र पर दवाओं को बाजार मूल्य से चार गुना तक महंगा बेचने का गंभीर आरोप सामने आया है। पीड़ित ने मीडिया के सामने अपनी व्यथा रखते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
सेवरा निवासी वाजिद अपने नाना नईम को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुकुल बाजार लेकर पहुंचे थे। आरोप है कि वहां तैनात फार्मासिस्ट माता प्रसाद चौधरी ने उन्हें जन औषधि केंद्र से दवा लेने की सलाह दी और यह कहते हुए भ्रमित किया कि यह दवा बाहर कहीं उपलब्ध नहीं होगी।
वाजिद का कहना है कि जन औषधि केंद्र से उन्हें दवा 1150 रुपये में दी गई, जबकि उस पर “जन औषधि” अंकित नहीं था। संदेह होने पर वाजिद ने वही पर्चा बाहर स्थित एक निजी मेडिकल स्टोर पर दिखाया, जहां वही दवा मात्र 300 रुपये में उपलब्ध थीन। इस पर उन्होंने सीएचसी में तैनात फार्मासिस्ट से शिकायत की। पूछताछ के दौरान पहले तो फार्मासिस्ट ने दवा केवल जन औषधि केंद्र पर मिलने की बात कही, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि दवा जेनेरिक है और बाजार में आसानी से मिल जाती है। मामला बढ़ने पर दबाव के बाद जन औषधि केंद्र से खरीदी गई दवा वापस कर दी गई। पीड़ित ने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल कमीशनखोरी का है, जिसमें आम मरीजों को गुमराह कर लूटा जा रहा है।
इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक सुधीर वर्मा ने बताया कि मामला गंभीर है। जन औषधि केंद्र पर दवाएं रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाती हैं और किसी फार्मासिस्ट को दवा लिखने का अधिकार नहीं है। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश त्रिपाठी