पशुपालकों एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना उप्र सरकार का उद्देश्य : धर्मपाल सिंह

 


लखनऊ, 18 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को पशुपालन निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्चुअली रूप से प्रदेश में विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उप्र सरकार का उद्देश्य पशुपालकों एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना है और इस दिशा में विभाग द्वारा निरन्तर सार्थक कार्य किया जा रहा है।

पशुधन मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान पशु उत्थान वर्णसंकर केन्द्र मुड़िया मुकर्रमपुर, बहेड़ी, बरेली, निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 75 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों, 96 पशुचिकित्सालयों के अनावासीय भवनों, पशु नस्ल सुधार कार्यक्रमों हेतु चिन्हित प्रक्षेत्रों एवं डीएफएस केन्द्रों पर वीर्य स्ट्राज विपणन केन्द्र का शिलान्यास तथा भेड़ पालकों को भेड़ नस्ल सुधार हेतु मेढ़े उपलब्ध कराने की योजना का शुभारम्भ किया। उन्होंने पशुपालन विभाग के मुख्य द्वार का उद्घाटन भी किया।

धर्मपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि पशु उत्थान वर्णसंकर केन्द्र, मुड़िया मुकर्रमपुर, बहेड़ी, जनपद बरेली केन्द्र को तकनीकी उत्कृष्टता एवं किसान केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है, जहॉ पर उन्नत नस्ल का संरक्षण, भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक, बुल मदर फार्म की स्थापना, उच्च अनुवांशिक बछड़ा व बछड़ी, चारा सम्बवर्धन, हरित ऊर्जा, टेक इनक्यूवेशन उद्यमिता एवं जैविक व ए-2 दुग्ध उत्पादन जैसे कार्य किये जायेंगे। इसकी लागत 3692.00 लाख है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेत्र एवं डीएफएस केन्द्रों पर वीर्य स्ट्राज विपणन योजनान्तर्गत पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम को बढ़ावा देने हेतु प्रदेश के चिन्हित प्रक्षेत्रों एवं अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन कुल 11 केन्द्रों पर परिषदीय सीमन विपणन केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण स्तर पर पशुपालकों को क्षेत्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं के द्वारा उन्नत नस्ल के अतिहिमीकृत वीर्य स्ट्राज प्रजनन कार्य हेतु ससमय प्राप्त होंगे।

उन्होंने बताया कि 75 नवीन वृहद गो संरक्षण केन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु प्रति इकाई लागत 160.12 लाख रूपये की दर से कुल 12009 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत मैत्री हेतु कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण सत्र का शुभारम्भ भी किया गया है।

पशुधन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश के भेेड़ पालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में ’’भेेड़ पालको को नस्ल सुधार हेतु मेढ़े उपलब्ध कराने की योजना’’ संचालित है। इस दौरान मंत्री ने प्रथम चरण में बदायूँ-05, पीलीभीत-05, बांदा-10, चित्रकूट-19, प्रयागराज-26. कौशाम्बी-25 एवं मिर्जापुर-19 कुल 100 मेढ़े भेड़ पालकों से वर्चुअल वार्ता कर प्रमाण पत्र वितरित किये गये।

मंत्री ने कहा कि भेड़ों की नस्ल सुधार से गुणवत्तायुक्त ऊन प्राप्त होगी, जिससे भेड़ पालकों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि पहले भेड़ पालकों की हालत दयनीय थी, ऊन 05 रूपये किलो बिकती थी, भेड़ पालक ऊन फेक देते थे या जला देते थे, सरकार द्वारा गाजा में ऊन प्रसोधन केन्द्र की स्थापना कराकर भेड़ पालकों से 27 व 32 रुपये प्रति किलो की दर से ऊन का क्रय किया जाता है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने बताया कि विभाग द्वारा नस्ल सुधार व कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम पर बल दिया जा रहा है और निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थलों में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुधन के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता के दृष्टिगत टीकाकरण कार्य नियमित रूप से सम्पादित किया जा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग की योजनाओं का लाभ किसानों और पशुपालकों को पहुचाया जाए और योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन निदेशालय के निदेशक डा0 एके जादौन तथा पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 नीरज गुप्ता सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/बृजनंदन