सड़क सुरक्षा माह को 4-ई मॉडल के आधार पर किया जाए संचालित : मुख्यमंत्री

 


-आगामी 01 से 31 जनवरी तक प्रदेशव्यापी ‘सड़क सुरक्षा माह’ आयोजित करने के निर्देश

लखनऊ, 20 दिसंबर (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 01 जनवरी से 31 जनवरी तक प्रदेशव्यापी ‘सड़क सुरक्षा माह’ आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि नए वर्ष की शुरुआत केवल औपचारिक आयोजनों से नहीं, बल्कि जनजीवन से सीधे जुड़े सड़क सुरक्षा जैसे अत्यंत संवेदनशील विषय पर ठोस संकल्प, व्यापक जनभागीदारी और व्यवहार परिवर्तन के लक्ष्य के साथ होनी चाहिए। सड़क सुरक्षा अभियान किसी भी स्थिति में औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के जीवन से जुड़ा जनान्दोलन बने।

मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में सड़क सुरक्षा अभियान की समीक्षा की। इस अवसर पर परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में जनपद स्तर के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा माह को 4-ई मॉडल के आधार पर संचालित किया जाए, जिसमें एजुकेशन, एन्फोर्समेण्ट, इंजीनियरिंग एण्ड इमरजेंसी केयर चारों स्तम्भों पर समान रूप से और समन्वित ढंग से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को केवल नियमों की जानकारी देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह समझाना आवश्यक है कि यातायात नियमों का पालन उनके स्वयं के जीवन, उनके परिवार और समाज की सुरक्षा से सीधे जुड़ा है।

शिक्षा के माध्यम से बच्चों, युवाओं और आम नागरिकों में सही सड़क व्यवहार विकसित किया जाए। प्रवर्तन के तहत नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो। इंजीनियरिंग के माध्यम से सड़कों के ब्लैक स्पॉट और क्रिटिकल पॉइंट सुधारे जाएं। इमरजेंसी केयर के अंतर्गत त्वरित एम्बुलेंस सेवा और बेहतर ट्रॉमा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इन चारों स्तम्भों पर संतुलित और एक साथ कार्य किए बिना सड़क दुर्घटनाओं में वास्तविक कमी सम्भव नहीं है।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने प्रस्तुत आंकड़ों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्ष 2025 में नवम्बर माह तक प्रदेश में कुल 46,223 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 24,776 लोगों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने इन आंकड़ों को अत्यंत गम्भीर बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाएं केवल प्रशासनिक या तकनीकी समस्या नहीं हैं, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक चुनौती है। एक भी दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु पूरे परिवार को जीवन भर का दर्द दे जाती है और इस पीड़ा को वही परिवार समझ सकता है। इसलिए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशीलता के साथ-साथ कठोर निर्णय लेना भी आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत जनवरी के पहले सप्ताह में विशेष रूप से जागरूकता पर फोकस किया जाए और सभी विभाग अपनी-अपनी तैयारियां समय से पूरी करें। प्रदेश की प्रत्येक तहसील, ब्लॉक, जिला और सभी प्रमुख मुख्यालयों पर जागरूकता सम्बन्धी प्रचार सामग्री अनिवार्य रूप से लगाई जाए। उन्होंने कहा कि किसी एक वास्तविक सड़क दुर्घटना के उदाहरण को सामने रखकर आमजन को यह समझाया जाए कि एक छोटी सी लापरवाही किस प्रकार पूरे जीवन की दिशा बदल देती है। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक और प्रभावी उपयोग किया जाए, ताकि यह संदेश हर व्यक्ति तक पहुंचे कि सड़क सुरक्षा किसी और की नहीं, बल्कि उनके अपने जीवन और परिवार से जुड़ा विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल चालान करना सड़क दुर्घटनाओं का स्थायी समाधान नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि जो लोग आदतन यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। ऐसे मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने और वाहन सीज करने की स्पष्ट नियमावली तैयार कर उसका सख्ती से पालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के मामलों में कठोरता अनिवार्य है, क्योंकि यह सीधे तौर पर लोगों के जीवन से जुड़ा विषय है।

मुख्यमंत्री ने स्टण्टबाजी करने वाले युवकों के विरुद्ध भी पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए।सड़क सुरक्षा के विषय पर किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी और शासन से लेकर स्थानीय स्तर तक सभी अधिकारियों को पूरी निष्ठा और गम्भीरता के साथ इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करनी होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नियोजित प्रयासों के परिणामस्वरूप जहरीली शराब बनाने और बेचने की अवैध गतिविधियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं, फिर भी व्यवस्था को सजग रहना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि मदिरा की दुकानें स्कूल, कॉलेज अथवा धार्मिक स्थलों के निकट न हों। मदिरा दुकानों के साइनेज केवल सम्बन्धित दुकान पर ही हों और वे भी निर्धारित आकार में हों।

मुख्यमंत्री योगी ने वर्ष में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले शीर्ष जनपदों हरदोई, प्रयागराज, आगरा, कानपुर नगर सहित अन्य सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों से संवाद कर दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों और उनके निस्तारण को लेकर विस्तृत चर्चा की तथा निर्देश दिए कि सम्बन्धित जनपदों में विशेष कार्ययोजना बनाकर सख्ती और संवेदनशीलता के साथ लागू की जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला