एक घर से उठी दो अर्थियां, एक ही चिता पर सगे भाइयों का अंतिम संस्कार
- जन्मदिन की खुशियां मातम में बदलीं, गांव की हर आंख हुई नम
मीरजापुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। राजगढ़ थाना क्षेत्र के राजगढ़ गांव में गुरुवार की रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। एक ही परिवार के दो सगे भाइयों की असमय मौत से गांव में ऐसा मातम छाया कि किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला। शुक्रवार शाम जैसे ही दोनों युवकों के शव गांव पहुंचे, वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं।
गांव निवासी रमेश शर्मा के दोनों पुत्र रवि और मनीष की मौत की खबर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। रोते-बिलखते ग्रामीण कहते दिखे कि ईश्वर ने रमेश का पूरा परिवार ही उजाड़ दिया। चुनार गंगा घाट पर दोनों सगे भाइयों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। यह दृश्य इतना करुण था कि श्मशान घाट पर मौजूद हर शख्स की आंखें छलक पड़ीं।
बताया गया कि रवि चार दिन पहले ही अपना जन्मदिन मनाने के लिए पिता के साथ मुंबई से गांव आया था। घर में जन्मदिन की तैयारियां जोरों पर थीं, सजावट, बाजा-गाजा और मिठाइयां सब कुछ तय था। लेकिन किसे पता था कि 25 दिसंबर रवि के लिए जन्मदिन नहीं, बल्कि मौत का दिन बन जाएगा।
जन्मदिन में शामिल होने के लिए रवि अपने छोटे भाई मनीष, रिश्तेदार शुभम और पाटीदार भाई अविनाश के साथ बाइक से सोनभद्र के कुसुम्हा गांव गया था। लौटते समय लसड़ा गांव के पास सड़क किनारे खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली से बाइक टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही रवि, मनीष और शुभम की दर्दनाक मौत हो गई।
रमेश शर्मा की पीड़ा यहीं खत्म नहीं होती। पांच वर्ष पूर्व उनकी पत्नी की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी थी। अब दोनों बेटों के चले जाने से उनका संसार पूरी तरह उजड़ गया। शव पहुंचते ही पिता का करुण विलाप देख गांव की महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी की आंखें भर आईं।
लोग ढांढस बंधाते रहे कि जमीन के नाम से कुछ आर्थिक सहायता मिल जाएगी, लेकिन टूट चुके पिता की एक ही आवाज थी, अब किसके लिए कमाऊंगा, पैसा किसके काम आएगा? तीनों युवकों का अंतिम संस्कार चुनार गंगा घाट पर किया गया, जहां दो सगे भाइयों की एक ही चिता पर जलती अर्थियों ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। यह हादसा गांव के लिए ऐसा जख्म बन गया है, जिसे भरने में शायद बरसों लग जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा