बाबू जगत सिंह एक योजनाकार थे, जिसके कारण अंग्रेज उनसे खौफ खाते थे - लेखक एच.ए. कुरेशी
वाराणसी, 22 दिसम्बर(हि. स.)। बनारस के विस्मृत जननायक बाबू जगत सिंह (1799 भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की अनकही गाथा) पुस्तक के लेखक एच.ए. कुरेशी ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि तोहफा ए ताजा, बलवंत नामा और तारीख ए बनारस पुस्तकों से काफी जानकारी लेकर बनारस राज परिवार के छुपे हुए इतिहास को निकाला गया है। बनारस के विस्मृत जननायक बाबू जगत सिंह पुस्तक में 1799 के समय के स्वतंत्रता संग्राम को तथ्यों के साथ बताया गया है, जिसमें बाबू जगत सिंह ने जमीदारों को एकत्रित कर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। बाबू जगत सिंह एक योजनाकार थे, जिसके कारण अंग्रेज अधिकारी उनसे खौफ खाते थे। जिस कारण अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ने के दो महीने बाद तक बाबू जगत सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती है। दो महीने के बाद अंग्रेज अधिकारी 19 जून को उन्हें जगतगंज कोठी से गिरफ्तार करते हैं। और उनके सहयोगियों को भी उसी दिन गिरफ्तार किया गया था। बनारस का इतिहास जानने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह एक शानदार पुस्तक है।
पुस्तक के लेखक एच.ए. कुरेशी ने बताया कि बाबू जगत सिंह ने तमाम अच्छे कार्य कराए थे। जैसे सारनाथ की खुदाई कराई थी, जिसका श्रेय इन्हें नहीं मिला। तत्कालीन हुकूमत ने बाबू जगत सिंह को विध्वंसक कह दिया, जबकि ऐसा नहीं है। बाबू जगत सिंह से जुड़े तमाम तथ्यों के साथ जल्द दो पुस्तकें और आएंगी। बनारस के गौरवशाली इतिहास में बाबू जगत सिंह का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। तमाम रोचक बातें आने वाली पुस्तकों में पढ़ने में आएंगी। पुस्तक के कार्य में बाबू जगत सिंह के वंशज प्रदीप नारायण सिंह का सहयोग मिल रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र