विश्व हिंदू महासंघ ने बलरामपुर में मनाई तुलसी जयंती, दिया सनातन संस्कृति के संरक्षण का संदेश

 


बलरामपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर में विश्व हिंदू महासंघ के तत्वावधान में गुरुवार को तुलसी जयंती श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई गई। संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिले के नौ स्थानों पर तुलसी पूजन कर सनातन संस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया।

पूजन उपरांत विश्व हिंदू महासंघ के जिला अध्यक्ष विजय सिंह ने सनातन धर्मावलंबियों से 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के बजाय तुलसी जयंती मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह देश “संता का नहीं, बल्कि संतों का देश” है। भारत संतों, संस्कारों और संस्कृति की भूमि है, इसलिए विदेशी परंपराओं के स्थान पर भारतीय धार्मिक त्योहारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

जिलाध्यक्ष विजय सिंह ने कहा कि यह देश केवल शांति का नहीं, बल्कि धर्म, संस्कार और परंपराओं का भी देश है। अंग्रेजी या पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में आकर विदेशी त्योहारों को अपनाने के बजाय हमें अपनी सनातन परंपराओं को जीवित रखना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने घरों और समाज में नियमित रूप से तुलसी पूजन करें। कहा कि तुलसी न केवल धार्मिक दृष्टि से पूजनीय है, बल्कि आयुर्वेद और पर्यावरण के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। तुलसी का पौधा स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ वातावरण को शुद्ध करता है। ऐसे में तुलसी जयंती मनाकर हम भारतीय जीवनशैली और प्रकृति संरक्षण का भी संदेश देते हैं।

तुलसी जयंती पर तुलसीपुर, गैसड़ी, पचपेड़वा, अमरहवा, कल्याणपुर सहित कुल नौ स्थानों पर तुलसी पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। सभी स्थानों पर मंत्रोच्चार के साथ तुलसी की आराधना की गई और भारतीय संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में संगठन के पदाधिकारी मिथिलेश गिरी, जंयत कसौधन, जय सिंह, दीपक, मनीष मौऊ रहे। सभी ने एक स्वर में आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति, परंपरा और धार्मिक मूल्यों से जोड़ने का संकल्प लिया।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रभाकर कसौधन