बहुत मुश्किल है कि कोई.... कविता पाठ कर कवियों ने अटल जी के व्यक्तित्व को सराहा

 


-पूर्व प्रधानमंत्री की जन्म शताब्दी पर देर रात कवियों ने बांधा समां

फर्रुखाबाद, 26 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई के जन्म दिवस पर उनके कवि स्वरूप काे नमन करते हुए कवियाें ने कविताएं पढ़ी। सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत कमला ग्रामोद्योग संस्थान के बैनर तले हुए इस कवि सम्मेलन में श्री राम वंदना व राष्ट्र वंदना के स्वर गूंजते रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष सदानंद शुक्ला एवं कमला ग्रामोद्योग संस्थान के मंत्री राजू गौतम ने कवियों का अभिनंदन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रीती पवन तिवारी की वाणी वंदना से हुआ। इसके बाद सुश्री स्मृति अग्निहोत्री ने भगवान श्री राम की वंदना प्रस्तुत की। वरिष्ठ ग़ज़लकार नलिन श्रीवास्तव ने स्व. अटल जी को राष्ट्र से जोड़ते हुए पढ़ा बहुत मुश्किल है कि कोई किसी की जान बन जाये। उपकार मणि उपकार ने अटल जी के मनोभावों को युग से कुछ इस तरह जोड़ा- धधकते युग की व्यथा की आग ठंडी हो न जाए, इसलिए इस आग से फिर हवन करना चाहता हूं। वरिष्ठ गीतकार रामशंकर अवस्थी अबोध ने शहीदों को नमन किया-

गेह से जो गये घर न लौटे कभी , उन शहीदों को मन से नमन कीजिए। इसके अलावा महेश पाल सिंह उपकारी, डा. गरिमा पांडेय, प्रीति पवन तिवारी, स्मृति अग्निहोत्री, निमिष टंडन, वैभव सोमवंशी सुभग, कृष्णकांत त्रिपाठी अक्षर,ने काव्यपाठ किया।

अध्यक्षता अक्षर ने की तथा संचालन वैभव सोमवंशी सुभग ने किया। सभी कवियों को स्मृतिचिन्ह व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर इस इंद्रा पाण्डेय, समाज सेवी संजय गर्ग, विजय मिश्रा, पुरुषोत्तम शुक्ला, बाबी गौतम, सुनीता अग्निहोत्री, मंजू तोमर, नारायण दत्त द्विवेदी, युवा कवि विशाल श्रीवास्तव, जगमोहन गौतम, कृष्णा मिश्रा, किशन सक्सेना, कृष्णा, राज गौरव पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar