शीतलहर को लेकर प्रशासन अलर्ट, जिलाधिकारी ने जारी किए दिशा-निर्देश

 


कानपुर, 21 दिसम्बर (हि.स.)। नागरिक स्थानीय रेडियो, दैनिक समाचार पत्र, टीवी और मोबाइल फोन के माध्यम से मौसम की ताजा जानकारी नियमित रूप से लेते रहें। कोयले की अंगीठी, मिट्टी तेल का चूल्हा, हीटर या ब्लोवर का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतें और कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन बनाए रखें, जिससे जहरीली गैस या धुआं एकत्र न हो। शरीर को सूखा रखना आवश्यक है, गीले कपड़े तुरंत बदल लें। अत्यधिक ठंड के दिनों में यदि घर में अलाव की व्यवस्था न हो तो सामुदायिक केंद्रों और आश्रय स्थलों पर जाएं, जहां प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की गई है। यह अपील रविवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शहरवासियों से की।

शीतलहर के दौरान सतर्कता और सावधानी से जनहानि और स्वास्थ्य सम्बंधी जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। जिसे लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि कई परतों वाले गर्म ऊनी कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर आदि शीतलहर के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। अत्यधिक ठंड और कोहरे के दौरान छोटे बच्चों और बुजुर्गों को यथासंभव घर के भीतर ही रखें। शरीर की ऊष्मा बनाए रखने के लिए पोषक आहार और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें तथा धूप निकलने पर उसका लाभ लें।

जिलाधिकारी ने हाइपोथर्मिया के लक्षणों पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि शरीर का असामान्य तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, अत्यधिक ठिठुरन, सुस्ती, थकान या तुतलाहट जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल से सम्पर्क करें। इसी तरह शीतदंश की स्थिति में हाथ-पैर की उंगलियों, कान या नाक का सुन्न पड़ना अथवा सफेद या पीले रंग के दाग उभरने पर भी तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें।

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि आसपास अकेले रहने वाले पड़ोसियों, विशेषकर बुजुर्गों की जानकारी रखें और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें। ठंड और शीतलहर के दौरान पालतू पशुओं और पक्षियों के बाड़ों को ऊष्मा रोधी बनाएं, खिड़की-दरवाजे ढककर रखें, लेकिन वेंटिलेशन के लिए पर्याप्त स्थान खुला छोड़ें। सिगड़ी, अलाव या अंगीठी सोते समय बुझाकर ही सोएं और इन्हें बंद स्थानों पर जलाने से बचें, ताकि आगजनी की घटनाएं न हों। यदि कोई निराश्रित, असहाय, विकलांग, बीमार या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति ठंड से प्रभावित दिखाई दे तो क्षेत्रीय लेखपाल के माध्यम से उन्हें निःशुल्क कंबल दिलाने में सहयोग करें।

एडवाइजरी में शीतलहर से पहले और शीतलहर के दौरान अपनाए जाने वाले उपाय भी स्पष्ट किए गए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखें, पर्याप्त सर्दियों के कपड़े पहनें, आपातकालीन आवश्यक सामग्री पहले से तैयार रखें और ठंड से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें, ढीले और विंडप्रूफ कपड़ों की कई परतें पहनें, सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढकें, दस्ताने, टोपी और मफलर का उपयोग करें, विटामिन-सी युक्त फल-सब्जियां खाएं और नियमित रूप से गर्म तरल पेय का सेवन करें।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप