स्कूल गेट पर ताला लगाकर पढ़ने व पढ़ाने को मजबूर शिक्षक और बच्चे

 


हमीरपुर, 09 अगस्त (हि.स.)। दो अनुदेशकों ने विद्यालय का माहौल खराब कर रखा है। जिसका असर सीधे बच्चों के शिक्षण कार्य में पड़ रहा है अनुदेशकों की अराजकता के चलते विद्यालय स्टाफ बच्चों सहित विद्यालय में कैद होकर शिक्षण कार्य करने को मजबूर है। यह उत्तर प्रदेश का इकलौता विद्यालय होगा। जहां पर शिक्षक और बच्चे स्कूल गेट पर ताला लगाकर पढ़ने व पढ़ाने को मजबूर है।

विद्यालय में पढ़ने आने वाली छात्रा अन्विका व छात्रा लक्ष्मी व अन्य छात्रों ने बताया कि विद्यालय की अनुदेशक अभिलाषा और पूजा देवी मिलकर स्कूल आने वाले बच्चों को भगा दिया करती हैं। स्कूल स्टाफ को गंदी गंदी गालियां देती, अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं तथा स्कूल में लगे ताले को तोड़ने का प्रयास करती हैं। जिसकी वजह से परेशान होकर प्रधानाध्यापक ने डायल 112 में भी शिकायत दर्ज कराई। मामला जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालय लोदीपुर निवादा का है। जहां पर संबद्ध दो अनुदेशकों ने स्कूल को सिर पर उठा रखा है। स्कूल आने वाले बच्चों को भगा देना, स्टाफ को भद्दी भद्दी गाली देना, ये उनकी रोज की आदत है। जिससे आजिज आकर प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र सिंह ने फोन मिलाकर पुलिस को बुला लिया मामला थाने पहुंच गया।

मामला स्कूल का देखते हुए थाना प्रभारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी स्तर पर मामला निपटाने की बात कही। बीएसए आलोक सिंह ने बताया कि तीन सदस्यीय टीम इस मामले की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आते ही कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश सरकार शत प्रतिशत नामांकन कराने पर जोर दे रही हैं। ऐसे में सरकारी स्कूल में शिक्षकों की चल रही आपसी खींचतान से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि जिस स्कूल में बच्चों की संख्या 350 होती थी। अब अनुदेशकों के इस बर्ताव के कारण महज 140 बच्चे ही रह गए हैं। अब देखने वाली बात तो यह होगी कि ऐसे दोषी शिक्षकों पर शिक्षा विभाग क्या ठोस कार्यवाही करेगा या यूं ही जांच रूपी ऊँट यू ही सिर उठाये घूमता रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा