यू-विन एप ने आसान बनाया गर्भवती माताओं और बच्चों का टीकाकरण
-पंजीकृत लाभार्थी किसी भी सरकारी अस्पताल या सीएचसी पीएचसी पर करा सकते हैं टीकाकरण
वाराणसी, 12 जून (हि.स.)। स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण लगातार बढ़ रहा है। लाभार्थियों के लिए सुविधाओं का लाभ उठाना आसान हो रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत को-विन एप्लीकेशन की तर्ज पर यू-विन एप को शुरू किया गया है। इसका परिणाम काफी सकारात्मक दिख रहा है।
यू-विन एप के माध्यम से जनपद में गर्भवती माताओं और बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। इस एप पर पंजीकृत समस्त गर्भवती माताओं और जन्म से लेकर पाँच साल तक के बच्चों का टीकाकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा एप में बच्चों की आभा आईडी भी बनाई जा रही है। प्रसव केन्द्रों पर भी जन्म के 24 घंटे के अंदर लगने वाले टीकाकरण (बर्थ डोज़) की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि धीरे-धीरे स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन होती जा रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने को-विन की तर्ज पर ही यू-विन पोर्टल और एप शुरू कर गर्भवती माताओं व जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों के टीकाकरण को भी आसान बना दिया है। इस एप में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पंजीकृत कर टीकाकरण व अन्य सेवाओं का लाभ दिलाने के लिए जोड़ा जा रहा है। सीएमओ ने कहा कि यू-विन एप पर पंजीकृत गर्भवती महिलाएं और बच्चे टीकाकरण के लिए हर बुधवार व शनिवार को आयोजित होने वाले नियमित टीकाकरण सत्र दिवस पर स्लॉट बुक कर सकते हैं। स्लॉट बुक हो जाने से लाभार्थी उसी दिन दिए गए समय पर पहुँचकर अपना टीकाकरण आसानी से करा सकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके मौर्या ने बताया कि गर्भवती माताओं और बच्चों को अगला टीका कब लगना है, पिछला टीका कब लगा था, कितने दिनों के अंतराल में कौन सा टीका परिवार के किस सदस्य को लेना है, आदि जानकारियां यू-विन पोर्टल व एप्लीकेशन पर तो दर्ज की ही जा रही हैं। साथ ही लाभार्थी के मोबाइल पर भी इसका अपडेट और अलर्ट आ रहा है। लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर टीका लगने के एक दिन पहले मैसेज जा रहा है।
क्या कहते है आंकड़े
डॉ. ए.के. मौर्य ने बताया कि इसी साल 15 मार्च से यू-विन की सुविधा शुरू की गई है। तब से लेकर मई तक जनपद में लक्षित 10,675 सत्र के सापेक्ष 10241 सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। इन सत्रों में 14,938 गर्भवती माताओं और 63,625 बच्चों का पंजीकरण कर टीका लगाया जा चुका है। इसमें जन्म से लेकर एक वर्ष तक के 44007 और एक से पाँच वर्ष तक के 19,618 बच्चे शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप