पहल : ट्रिपल आईटी पुलिस प्रशासन को देगा तकनीकी सहायता

 


--पुलिस आयुक्त ने कहा, ट्रिपल आईटी अपराधों की रोकथाम में मददगार

प्रयागराज, 18 जनवरी (हि.स.)। ट्रिपल आईटी संस्थान और प्रयागराज पुलिस ने संयुक्त रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा विश्लेषण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा, भीड़़ प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों की पहचान की है। जहां ट्रिपल आईटी अपनी विशेषज्ञता द्वारा पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने मौजूदा पुलिस व्यवस्था के लिए आईटी का लाभ प्राप्त करने के लिए झलवा स्थित ट्रिपल आईटी में स्नातकोत्तर और अनुसंधान कर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी को अपनाकर पुलिस विभाग उभरती चुनौतियों का समाधान करने और अधिकारियों और उनके द्वारा सेवा किए जाने वाले समुदायों के लिए बेहतर परिणाम देने के लिए एआई, डेटा एनालिटिक्स और अन्य उन्नत उपकरणों की शक्ति का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एआई का एक अभिनव अनुप्रयोग सहायक पुलिसिंग के लिए एक घटना संचालित फीडबैक तंत्र का विकास है। एआई की शक्ति का उपयोग कर , कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपनी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुधार कर सकती हैं। एआई आधारित इवेंट-संचालित फीडबैक तंत्र कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि और सिफारिशें उत्पन्न करने के लिए पुलिसिंग घटनाओं, जैसे गिरफ्तारी, ट्रैफिक स्टॉप और सामुदायिक इंटरैक्शन के बारे में डेटा पकड़ने के लिए उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीकों का उपयोग करता है।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि मशीन लर्निंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण जैसी एआई प्रौद्योगिकियों में पुलिस व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की क्षमता है। वे पैटर्न की पहचान करने अपराध के हॉट स्पॉट की भविष्यवाणी करने और विसंगतियों का पता लगाने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं। एआई संचालित सिस्टम चेहरे की पहचान, आवाज विश्लेषण और भाषा अनुवाद में सहायता कर सकते हैं, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और खतरों का सक्रिय रूप से जवाब देने में सक्षम बनाया जा सकता है। ये प्रौद्योगिकियां पुलिस अधिकारियों के लिए शक्तिशाली बल गुणक के रूप में कार्य करती हैं, उन्हें मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं और समय लेने वाले कार्यों को स्वचालित करती हैं।

रमित शर्मा ने कहा कि एआई सम्भावित संदिग्धों की पहचान कर और वास्तविक समय में अपराध डेटा का विश्लेषण कर अपराध रोकने और अधिक प्रभावी ढंग से जांच करने में भी मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, एआई आधारित सिस्टम सम्भावित खतरों की प्रारम्भिक चेतावनी प्रदान कर और जागरूकता बढ़ाकर अधिकारी सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत निगरानी प्रणाली, जैसे क्लोज-सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे, आपराधिक गतिविधियों को रोकने में सहायक बन गए हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एकीकरण के साथ ये कैमरे संदिग्ध व्यवहार का भी पता लगा सकते हैं। जिससे कानून प्रवर्तन कर्मियों की त्वरित प्रतिक्रिया सक्षम हो सकती है और अपराधों को घटित होने से पहले ही रोका जा सकता है। उन्होंने कानून प्रवर्तन कार्यों में डिजिटल रिकॉर्ड कीपिंग के लाभों के लिए आईटी के उपयोग की आवश्यकता व्यक्त की।

ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद सुतावाने ने कहा कि संस्थान अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। डीन प्रोफेसर शेखर वर्मा ने पुलिस अधिकारियों और आईआईआईटी-ए के बीच हुए हालिया घटनाक्रम पर प्रकाश डाला। डॉ. वेंकटेशन ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। डॉ मनीष कुमार और डॉ केपी सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम