अजय उपाध्याय पहले टेक्नोक्रेट संपादक थे, हिंदी वर्तनी और भाषा के प्रति संवेदनशील रहे

 


वाराणसी, 09 जुलाई (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय के निधन पर मंगलवार को काशी पत्रकार संघ की ओर से पराड़कर स्मृति भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में जुटे पत्रकारों और विभिन्न दलों के नेताओं ने कहा कि समूह संपादक रहे अजय उपाध्याय पहले टेक्नोक्रेट संपादक थे। वे अद्भुत अध्येता और ज्ञानी थे। हिंदी वर्तनी और भाषा के प्रति संवेदनशील पत्रकारों की दुर्लभ होती सूची में वे एक महत्वपूर्ण नाम थे। वे अपने हिसाब से जिंदगी जीने वाले खांटी बनारसी, अत्यंत संवेदनशील, सहज, सरल और पहली मुलाकात में दिल में घर कर लेने वाले जिंदादिल इंसान थे।

प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप ने अजय उपाध्याय ने गांधी दर्शन में दक्ष बताया। वाराणसी के पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले ने उन्हें समाज के प्रति समर्पित व्यक्तित्व की संज्ञा दी। समाजवादी चिंतक विजय नारायण ने भाषा और शैली की शुद्धता का पक्षधर बताया।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारिता उनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति थी। डा. कवींद्र नारायण ने आने वाली पीढ़ी के लिए अजय उपाध्याय को प्रेरक बताया। काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश कुमार गुप्त ने उन्हें निष्पक्ष टिप्पणीकर्ता बताया।

विजय नारायण ने कहा कि अजय जी सभी के प्रति अपनत्व का भाव रखते थे। वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्र ने कहा कि अजय उपाध्याय काशी के प्रति संवेदनशील थे। ए.के. लारी ने कहा कि अजय जी में पत्रकारिता के संस्कार थे। डा. अजय कृष्ण चतुर्वेदी ने उन्हें संघर्षशील व्यक्तित्व के रूप में रेखांकित किया।

काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डा. अत्रि भारद्वाज, महामंत्री अखिलेश मिश्र, कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, आर राजीवन, सुधीर गणोरकर,कांग्रेस नेता अरविंद किशोर राय ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किया।

पत्रकार संघ के सदस्य मो. इस्माइल, बृजेश मिश्र के अग्रज राजेश मिश्र, संघ के मंत्री सुनील शुक्ल के पिता राधेश्याम शुक्ल, संघ के सदस्य उजैर खां की माता हलीमा खानम, पंकज सिन्हा के पिता आशंका नन्द सिन्हा और अनिल मिश्र की माता माया देवी के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / आकाश कुमार राय