किसानों की समस्याओं का समाधान करने को आनफार्म ट्रायल विकसित करना आवश्यकता: डॉ.एस.के.दुबे

 


कानपुर,18 नवम्बर (हि.स.)। किसानों की समस्याओं के समाधान करने के लिए सभी केवीके को आनफार्म ट्रायल विकसित करने और कार्यान्वित करने की विशेष आवश्यकता है। यह बात शनिवार को दो दिवसीय कार्यशाला के अन्तिम दिन भाकृअनुप अटारी कानपुर के निदेशक डॉ.शान्तनु कुमार दुबे ने कही।

उन्होंने समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों के कार्यक्षेत्र की समस्याओं को सुना और समस्याओं के निराकरण का सुझाव भी दिया। उन्होंने प्रक्षेत्र परीक्षण (आन फार्म ट्रायल) की परिकल्पना, उद्देश्य और विधियों की विस्तार से उपस्थित समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं वैज्ञानिकों को जानकारी दी।

कार्यशाला में किसानों की समस्याओं के अनुरूप कार्य योजना बना कर प्रक्षेत्र प्रदर्शन निर्धारित किये जायें। साथ ही सभी केवीके से अनुरोध किया कि धान, गेहूँ एवं दलहनी फसलों की जो भी किस्में लगायी जा रही है प्रत्येक किस्मों का कितना प्रतिशत है आदि जानकारी का उचित डाक्यूमेंटेशन आवश्यक है।

कृषि एवं प्रौ. विवि. बांदा के अपर निदेशक प्रसार डॉ. नरेन्द्र सिंह ने केवीके के वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि जो भी तकनीक किसानों तक जाए उसमें आने वाली समस्याओं जैसे खरपतवार प्रबंधन, पानी प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन एवं मृदा प्रबंधन आदि का अध्ययन करें और उनके समाधान हेतु कार्य नियोजन करें।

भाकृअनुप- अटारी, कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि प्रत्येक केवीके पर विभिन्न विषयों के विषयवस्तु विशेक्षज्ञों (एसएमएस) का दायित्व है कि कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्षेत्र में किसानों को जो भी समस्याएं आती हैं उनका निराकरण करके किसानों के साथ कार्य करें।

भाकृअनुप-अटारी कानपुर वैज्ञानिक डॉ. सीमा यादव ने बताया कि किसानों के पशुओं की बीमारियों, पोषक आहार, प्रक्षेत्र परीक्षण डिजाइन करने आदि पर अपने विचार कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ साझा किये जिससे किसानों द्वारा पाले जा रहे जानवरों के स्वास्थ्य में सुधार और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो सके।

हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/बृजनंदन