मौरंग के खनन से बेतवा नदी की जलधाराएं अब हो गई विलुप्त

 


- प्रतिबंधित मशीनों ने बालू निकाले जाने से नाले में तब्दील हो गई जीवनदायिनी नदी

हमीरपुर, 17 नवम्बर (हि.स.)। जिले में अवैध मौरंग खनन से जीवनदायिनी बेतवा नदी पर अब खतरे के बादल मंडरा गए है। इस नदी की कई जगहों पर जलधाराएं विलुप्त हो गई है। दिन रात प्रतिबंधित मशीनों से मौरंग खनन किए जाने से अब ये नदी नाले में तब्दील हो गई है। हालत यह है कि क्षेत्र के लोग पैदल ही नदी से आरपार हो रहे है।

हमीरपुर जिले में डेढ़ दर्जन से अधिक मौरंग की खदानें संचालित हो रही है। सदर कोतवाली क्षेत्र के अलावा कुरारा, जलालपुर, जरिया, मझगवां, ललपुरा समेत अन्य थाना क्षेत्रों के तमाम इलाकों में मौरंग की खदानों में प्रतिबंधित मशीनों से मौरंग के खनन का खेल दिन रात चल रहा है। बेतवा नदी की जलधारा रोककर कारोबारी एनजीटी के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए मौरंग निकालने में जुटे है। सभी खदानों में रोक के बावजूद प्रतिबंधित भारी मशीनों से मौरंग खनन चल रहा है जिससे बेतवा नदी की जलधाराएं कई जगहों से टूट गई है। पूरी नदी नाले मे तब्दील हो गई है। किसी समय किसानों की फसलों को पानी देने वाली यह नदी नाले में बदल गई है। यह हालत लगातार हो रहे खनन से इस नदी के अस्तित्व पर बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। सरीला क्षेत्र के चंडौत गांव में बेतवा नदी केपास इस समय था जब नदी के दोनों घाट पानी से लबालब रहते थे लेकिन आज एक छोटे से नाले के रूप में यह नदी दिख रही है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता निरंजन सिंह राजपूत व प्रांतीय नेता सुशील शुक्ला ने बताया कि दिन रात धुआंधार बेतवा समेत अन्य नदियों में अब कही भी जलधाराएं नहीं दिखती। बताया कि कई दशक पहले नवम्बर के महीने में यहां की जीवनदायिनी नदियां पानी से लबालब रहती थी लेकिन अब इस साल यह नदी नाले में ही तब्दील हो गई है। जिसे गांव के लोग पैदल आरपार होते है। किसान नेताओं ने कहा कि भारी मशीनों से मौरंग खनन पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले सालों में यहां पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी।

अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, फिर भी खदानों में गरज रही मशीनें

हमीरपुर जिले में अवैध मौैरंग खनन और परिवहन को लेकर डीएम राहुल पाण्डेय के निर्देश पर संयुक्त टीमें छापेमारी कर रही है फिर भी मौरंग के कारोबारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। यहां के एडीएम फाइनेंस अरुण मिश्रा ने बताया कि हाइवे पर 2392 मौरंग ट्रकों पर कार्रवाई कर 8.33 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। जबकि अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए चलाए गए अभियान में 130.5 करोड़ रुपये का राजस्व जमा कराया गया है।

मौरंग कारोबार से जुड़े 1324 ट्रक मालिकों को थमाई गई नोटिसें

एडीएम फाइनेंस अरुण मिश्रा ने बताया कि अवैध खनन और परिवहन पर 24 मुकदमे दर्ज कराए गए है। इसके अलावा मौरंग परिवहन से जुड़े 1324 ट्रक मालिकों को काली सूची में डालने की तैयारी है। इन सभी ट्रक मालिकों को 4.70 करोड़ रुपये की बकायेदारी पर नोटिसें दी गई है। बता दे कि इससे पहले हमीरपुर जिले के राठ और सरीला तहसील क्षेत्र में खनिज अधिकारी के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने मौरंग के अवैध परिवहन करने पर 43 ओवर लोड ट्रकों का ई-चालान किया था।

हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज/मोहित