पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में नैतिक मूल्यों की भूमिका अहम : डॉ. सीएल मौर्या

 


कानपुर, 19 दिसंबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कम्पनी बाग़ स्थित चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारंभ सह-ओरिएंटेशन कार्यक्रम किया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सीएल मौर्या के कुशल नेतृत्व में सफलतापूर्वक अपने आठवें दिवस में प्रवेश कर गया है।

अधिष्ठाता डॉ. सीएल मौर्या ने बताया कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को शैक्षणिक मार्गदर्शन, नैतिक आधार व करियर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात वक्ताओं द्वारा ज्ञानवर्धक एवं विचारोत्तेजक सत्र प्रस्तुत किए गए।

डॉ. मौर्या ने बताया कि मृदा एवं जल संरक्षण विभाग व मृदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. सर्वेश कुमार ने पर्यावरणीय नैतिकता विषय पर एक प्रेरक व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रकृति के प्रति मानव की नैतिक जिम्मेदारी, प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग, मृदा एवं जल संरक्षण तथा वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में नैतिक मूल्यों की भूमिका पर विशेष बल दिया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक एवं व्यावसायिक जीवन में पर्यावरण-अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया।

मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन एम.एससी अरुण आर्या, एम.एससी के छात्र द्वारा प्रस्तुत किया गया,जिसमें उन्होंने एग्रीटूरिज्म तथा उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में इसकी संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन एवं आय वृद्धि के एक प्रभावी माध्यम के रूप में एग्रीटूरिज्म की व्यापक संभावनाओं को रेखांकित किया, विशेष रूप से युवाओं की सक्रिय भागीदारी एवं प्रोत्साहन के माध्यम से। उन्होंने एग्रीटूरिज्म को मानव स्वास्थ्य से भी जोड़ा तथा स्वच्छ भोजन, स्वस्थ जीवनशैली एवं समाज में कृषि के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उनके प्रस्तुतीकरण से विद्यार्थियों में विशेष रुचि उत्पन्न हुई तथा एक सजीव एवं संवादात्मक चर्चा संपन्न हुई।

इस मौके पर डॉ. उमा नाथ शुक्ला, डॉ. अरुण कुमार एवं डॉ. अनुराग कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनकी उपस्थिति से कार्यक्रम को शैक्षणिक प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सत्रों की संवादात्मक प्रकृति के कारण विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, प्रश्न पूछे तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में उभरते अवसरों के बारे में स्पष्टता प्राप्त की। समग्र रूप से, दीक्षारंभ–सह–ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आठवाँ दिवस अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक एवं सहभागितापूर्ण रहा, जिसने नवप्रवेशित विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों, नवाचारी सोच तथा करियरोन्मुख दृष्टिकोण को सुदृढ़ किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद