कलेक्ट्रेट में पूछताछ केन्द्र के खुलने का वक्त पूछते लोग

 


लखनऊ, 22 मार्च (हि.स.)। लखनऊ में कलेक्ट्रेट कार्यालय के कक्ष संख्या एक को पूछताछ केन्द्र बनाया गया है। जहां से जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के कक्ष क्रमांक और उपलब्धता की जानकारी मिल सके। पूछताछ केन्द्र बने होने के बावजूद कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले लोगों को इस सुविधा का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा। अक्सर ही पूछताछ केन्द्र के बंद होने के कारण लोग यही पूछते हैो कि पूछताछ केन्द्र खुलने का क्या समय निर्धारित है।

पूछताछ केन्द्र के लिए दो कर्मचारियों की तैनाती है। जिनके नाम और नम्बर बाहर की ओर दीवार पर लिखे हुए है। दोनों ही कर्मचारी पूछताछ केन्द्र का ताला समय से नहीं खोलते और न ही समय से बैठे ही मिलते हैं। जिससे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचने वाले लोगों को किसी जानकारी के लिए भटकना पड़ता है। वहीं दोनों कर्मचारियों को फोन किये जाने के बाद भी वे सही उत्तर नहीं देते।

सुबह 10 बजे से सायंकाल पांच बजे तक कलेक्ट्रेट परिसर में अपने निजी कार्यों से हजारों की संख्या में लोग आते है। इसी प्रकार कलेक्ट्रेट पहुंचें एलडीए कर्मचारी विजय ने कहा कि उन्हें एसडीएम कब बैठते है, ये जानना था। वैसे तो एसडीएम तहसील में प्रतिदिन बैठते है लेकिन एक दिन एसडीएम का कलेक्ट्रेट में बैठना होता है। इसके लिए एसडीएम का कक्ष पूछने के लिए जब वह पूछताछ केन्द्र तक गये तो वहां ताला लगा हुआ पाया।

उन्होंने कहा कि एसडीएम का कक्ष पता करने में उन्हें प्रथम तल और फिर भूतल पर दौड़ लगानी पड़ी। कुछ देर बाद एक चपरासी से पूछने पर कक्ष और दिन की जानकारी मिल सकी। जब वह लौटे तो भी पूछताछ केन्द्र बंद ही था। पूछताछ केन्द्र पूरी तरह से बंद रहने के कारण खासा कठनाई हुई।

कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यरत कर्मचारियों की माने तो कुछ मिनटों के लिए ही कोई कमरा बंद किया जाता है। ऐसे में पूछताछ केन्द्र जो कक्ष संख्या एक है, उसके लगातार बंद होने का कारण कुछ पता नहीं है। पूछताछ केन्द्र वैसे तो समय से खुलता रहा है, फिर आजकल बंद दिखायी पड़ रहा है। इस संबंध में कक्ष संख्या एक में ड्यूटी पर तैनात दोनों कर्मचारी ही कुछ बता सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद/मोहित