स्वदेशी विज्ञान से छात्रों को अवगत कराएं शिक्षक : श्रेयांश मण्डलोई
झांसी,14 फरवरी (हि. स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विज्ञान भवन में विज्ञान भारती की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन मंत्री विज्ञान भारती श्रेयांश मण्डलोई ने कहा की युवा छात्रों को स्वदेशी विज्ञान एवं वैज्ञानिकों के विषय में जागरूक करने की आवश्यकता है। विज्ञान का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसके संबंध में हमारे पौराणिक साहित्य में उसका वर्णन न हो। आयुर्विज्ञान, शैल्य विज्ञान, खगोल शास्त्र, आदि अनेक विषयों पर हमारे यहां संपूर्ण साहित्य उपलब्ध है।
हमें हमारे युवाओं को इस मानसिकता से बाहर लाना है कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में पिछलग्गू है। विज्ञान के शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय संस्कृति में समाहित वैज्ञानिक दृष्टिकोण से छात्रों को अवगत कराएं। शिक्षा नीति के अंतर्गत इसी संबंध में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। वैदिक गणित पुनः छात्रों के बीच लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने विज्ञान भारती के सदस्य को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष में एक दो कार्यक्रम इस विषय पर आयोजित किए जाने चाहिए। साथ ही विज्ञान भारती सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से भी जागरूक कार्यक्रम चलाएं। उन्होंने विज्ञान भारती के सदस्यों को संगठित समन्वित एवं नियमित बैठक के माध्यम से चर्चा कर कार्य विधि तैयार करने के लिए कहा। इसके पूर्व मुख्य अतिथि का स्वागत विज्ञान भारती सचिव डॉ भागीरथ सिंह भदोरिया ने किया। आभार डॉ मुकुल पश्तोर ने किया।
इस अवसर पर प्रो सुनील कुमार प्रजापति, डॉ कमलेश बिलगाईयां, डॉ ललित गुप्ता, डॉ विजय यादव, डॉ बृजेश दीक्षित, डॉ पुनम महरोत्रा, डॉ गौरी खानवलकर डॉ एस के वर्मा, के साथ विज्ञान भारती के सदस्य एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन