विजयादशमी पर समस्त विकारों को नष्ट करने का लें संकल्प : संजीव कुमार
प्रतापगढ़, 24 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) की ओर से मंगलवार को जिला मुख्यालय पर नगर स्थित तुलसी सदन में विजयदशमी का उत्सव मनाया गया।
मुख्य वक्ता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख संजीव कुमार ने कहा कि आज हम सब एकत्रित होकर विजयदशमी का उत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर सभी लोग राष्ट्र के सशक्त होने एवं राष्ट्र कभी परतंत्र ना हो ऐसी मनोभावना के साथ संकल्प लें।
उन्होंने कहा कि देश सदैव प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर होता रहे, इस आशा और विश्वास के साथ पूरा हिंदू समाज पूरे मनोयोग से इस बात का संकल्प ले रहा है कि हमारे हृदय के अंदर के समस्त विकार नष्ट हो जाएं। हमारा शरीर राष्ट्र की उन्नत के लिए सभी कार्यों को करने के लिए सदैव तत्पर रहे।
उन्होंने बताया कि आज ही के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना किया। इसके पीछे यह उद्देश्य था कि हमारा राष्ट्र हजारों साल परतंत्र रहा देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। देश की संस्कृति का हनन होता रहा। सब जानते हैं कि हमारे देश पर शकों का यवनों का मुगलों का यहूदियों का ईसाइयों का सभी लोगों ने देश पर आक्रमण किया।देश की धन संपदा को लूटा और यहां की शिक्षा को नष्ट करने का प्रयास किया, किंतु देश के अंदर संस्कारों की जड़े इतनी गहरी थी कि यहां की विचारधारा को चोट पहुंचाई किंतु ऋषियों मुनियों की तपस्या के कारण उसे नष्ट नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर हेडगेवार इतिहास के पन्नों को जब पढ़ते थे तो उनके मन में सदैव या जिज्ञासा बनी रहती थी कि भारत आने वाले समय में कभी परतंत्र ना हो ऐसी विचारधारा देश के अंदर पनपनी चाहिए, जिसका पोषण केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर सकता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही एक ऐसा संगठन है जो राष्ट्र के उत्थान के लिए समाज के उत्थान के लिए तथा हिंदुओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सदैव कार्य करता रहता है। हम सब जानते हैं कि भारत में सनातन परंपरा चिरकाल से सदैव बनी रही है और आज भी सनातन परंपरा ही पूरे विश्व को दिशा देने का काम कर रही है। भारत के लोग यह भी जानते हुए की मां दुर्गा ने राक्षसों का वध सभी देवताओं के दिए हुए अस्त्र-शस्त्रों से किया। यह भी संगठित होने का एक प्रत्यक्ष प्रमाण है फिर भी तमाम युद्ध स्थलों पर भारत के लोग लड़ते रहे और भारत के ही कुछ लोग यह देखते रहे कि इस युद्ध में कौन जीतेगा, कौन हारेगा। इस प्रकार से हिंदुओं का संगठित ना होना देश के लिए घातक सिद्ध हुआ और यही कारण रहा की हजारों साल अपना राष्ट्र गुलामी की जंजीरों में पोषित रहा। आज भी देश के अंदर ऐसी तमाम ताकतें जो राक्षसी प्रवृत्ति की है।
संजीव ने कहा कि जिनके अंदर राक्षस का गुण विद्यमान है जो राष्ट्र की उन्नति के मार्ग में बाधक हैं, वह कार्य कर रहे हैं। आज हम सबको मिलकर के पूरे हिंदू समाज का संगठन करके इन देशद्रोही ताकतों से मुकाबला करना होगा। तभी अपना देश चिरकाल तक इस धरा पर देदीप्यमान बना रहेगा और भारत पूरे विश्व को दिशा देने का काम करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि आज देश के अंदर तमाम ऐसे लोग निवास करते हैं जो अपने महापुरुषों को याद करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं। आज हम सबको ऐसे लोगों की विचारधारा को परिवर्तित करने की आवश्यकता है,अपने पूर्वजों को याद करने की आवश्यकता है तथा महापुरुषों के बताए हुए रास्ते पर चलकर देश को पुनः विश्व गुरु बनाने की दिशा में हमें अग्रसर होना होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्य तभी सिद्ध हो सकता है जब पूरा हिंदू समाज एकजुट हो, संगठित हो इसीलिए कहा गया है कि भारत में रहने वाले सभी लोग सहोदर भ्राता हैं। हम सब भारत मां की संतान हैं और भारत मां की संतान होने के नाते जो इस देश का अन्न जल हवा ग्रहण करता है वह सब हिंदू है।
संजीव कुमार ने कहा कि राम के बताए हुए आदर्शों पर चलकर हम देश को सशक्त और समृद्धिशाली राष्ट्र बना सकते हैं। जब तक भारत में माता-पिता का आदर होता रहेगा। गुरुओं की पूजा होती रहेगी, तब तक यह देश सदैव विश्व गुरु बना रहेगा। इसलिए आज समाज से अनाचार, कदाचार, दुराचार रूपी रावण को नष्ट करना होगा और देश में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आचरण पर हमें चलना होगा, तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर प्रतापगढ़ विभाग के विभाग संघचालक रमेश, जिला संघचालक चिंतामणि, विभाग कार्यवाह हरीश, जिला कार्यवाह हेमंत, जिला प्रचारक शिव प्रसाद, नगर प्रचारक आलोक समेत सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/दीपेन्द्र
/राजेश