बच्चों को स्वर्णप्राशन कराने से सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार से मिलता है छुटकारा
- राजकीय आयुर्वेद कालेज में स्वर्ण प्राशन शिविर का शुभारम्भ
लखनऊ, 20 मार्च (हि.स.)। राजकीय आयुर्वेद कालेज लखनऊ में बुधवार को पुष्य नक्षत्र के अवसर पर स्वर्ण प्राशन शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. माखन लाल ने भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। प्रो. माखनलाल ने बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराकर शिविर का शुभारंभ किया।
प्रो. माखन लाल ने कहा कि स्वर्णप्राशन कराने से बच्चों में होने वाली बहुत सी समस्याओं से छुटकारा मिलता है जैसे बदलते मौसम में होने वाली सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, दस्त उल्टियां आना काफी हद तक कम हो जाता है।
डा. रमेश कुमार गौतम ने बताया कि जिन बच्चों की बार-बार पसली चलने लगती है उनको भी स्वर्णप्राशन से लाभ प्राप्त होता है। बालरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. महेश नारायण गुप्त ने बताया कि जिन बच्चों को भूख नहीं लगती, स्वास्थ्य नहीं बन पा रहा है, वजन नहीं बढ़ रहा है, शरीर में ताकत नहीं आ रही है ऐसे बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराने से आशा के अनुरूप लाभ मिलता है। स्वर्ण प्राशन कराने से शरीर का ठीक ढंग से विकास होता है।
आयुर्वेद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. धर्मेन्द्र ने बताया कि स्वर्ण प्राशन एक प्रकार की औषधि होती है जो स्वर्णभस्म से निर्मित की जाती है। स्वर्ण भस्म के साथ शहद, ब्रह्मी, अश्वगंधा, गिलोय व शंखपुष्पी इत्यादि जड़ी बूटियां मिलाकर बनाई जाती हैं। इसके सेवन का भी एक नियम है। स्वर्णप्राशन का सेवन पुष्य नक्षत्र के दौरान बच्चों को कराया जाता है। स्वर्णप्राशन से बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक गति में अच्छा सुधार होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/पवन