रविवार से प्रारंभ होंगे होलाष्टक, शुभ कार्यों पर लग जाएगा आठ दिनों का 'ब्रेक'

 














- श्री हरि ज्योतिष संस्थान के संचालक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने दी जानकारी

मुरादाबाद, 16 मार्च (हि.स.)। श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार मुरादाबाद के संचालक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 17 मार्च, रविवार से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे। ऐसे में कोई भी शुभ कार्य आठ दिनों तक नहीं होगा। होलाष्टक 24 मार्च को होली के साथ समाप्त होंगे।

पंडित सुरेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि फाल्गुन महीने का आरंभ 25 फरवरी से हुआ था और 24 मार्च को होली के साथ इसका समापन होगा। होली से 8 दिन पहले फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाते हैं। इस बार होलाष्टक रविवार 17 मार्च से लग जाएंगे। होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। होलकाष्टक के इन 8 दिनों के में शादी, विवाह, मुंडन नया व्यापार और नया कार्य शुरू नहीं करते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली जलाई जाती है और उसके अगले दिन कृष्ण पक्ष चैत्र प्रतिपदा को रंगों की होली खेली जाती है। होली इस वर्ष 24 मार्च की रात्रि में जलाई जाएगी और 25 मार्च की सुबह रंग खेला जाएगा।

भगवान विष्णु और अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करें

पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ करने और जप तप करने का विशेष महत्व होता है। इस दौरान भगवान विष्णु और अपने कुल देवी देवताओं की पूजा अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में सुख शांति आती हैl होलाष्टक के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने का खास महत्व होता है और बच्चों को प्यार देना चाहिए। उन्होंने कहा कि होलाष्टक ही वह अवधि थी जब भक्त प्रह्लाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप ने यातनाएं दी थीं। इसलिए इस अवधि में हमें बड़ों का सम्मान करना चाहिए और बच्चों से प्रेम करना चाहिए। होलाष्टक में रोजाना पूजापाठ के वक्त भगवान विष्णु और राम कृष्ण अपने इष्ट देव और गुरुदेव को अबीर और गुलाल लगाना चाहिए और श्रीसूक्त व गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना बहुत शुभ और फलदाई माना जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/प्रभात