पुरानी पीढ़ियों के खान-पान की आदतें बेहतर और स्वास्थ्यप्रद : डॉ. कचनार

 


-युवाओं में एनीमिया से बचाव के उपाय सुझाए

प्रयागराज, 26 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र और जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के महिला सेल की ओर से ‘’युवाओं में एनीमिया और पोषण की समस्या’’ पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. कचनार ने कहा कि पुरानी पीढ़ियों द्वारा अपनाई जाने वाली पारम्परिक खान-पान की आदतें बेहतर और स्वास्थ्यप्रद थीं। पूरी दुनिया में लोग पारम्परिक भारतीय पोषण के ज्ञान को स्वीकार कर रहे हैं।

जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज में शुक्रवार को मुख्य अतिथि एमएलएन मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. कचनार कुमार ने युवाओं में एनीमिया की समस्या और वयस्क महिलाओं में लौह घटक (आयरन) की जरूरतों पर चर्चा की। उन्होंने शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित होने वाले हेम आयरन और नॉन हेम आयरन के बीच अंतर स्पष्ट किया। बताया कि हेम आयरन मांस और पोल्ट्री उत्पादों में मौजूद होता है। नॉन हेम आयरन को भी शरीर द्वारा अवशोषित किया जा सकता है।

आहार विशेषज्ञ कौसैन हफीज ने युवाओं को आयरन युक्त भोजन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने आयरन बढ़ाने वाले पदार्थों और आयरन के अवशोषण में मदद करने वाले भोजन की ज़रूरतों पर भी प्रकाश डाला।

इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. नीलिमा मिश्रा के स्वागत भाषण से हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो. जया कपूर ने विषय परिचय दिया। उन्होंने युवाओं में एनीमिया और पोषण के मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश भी डाला। मंच संचालन डॉ. रीना यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन गुरपिंदर कुमार ने दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / Siyaram Pandey