कुलपति की अनुमति से मिल जाएगी छात्रों को पीएचडी डिग्री

 


मेरठ, 06 नवम्बर (हि.स.)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्रों को अब मौखिक परीक्षा के बाद कार्य परिषद की बैठक की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। अब कुलपति की अनुमति से ही छात्रों को पीएचडी की डिग्री मिल जाएगी।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में सोमवार को कार्य परिषद की एक बैठक हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में एनीमल हाउस, जन्तु विज्ञान विभाग में एक पूर्णकालिक पशुचिकित्सक रखने का निर्णय लिया गया। सात शोध छात्रों का शोध उपाधि प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में पीएचडी शोध उपाधि के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि पीएचडी का फाइनल वॉयवा सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद कुलपति द्वारा अनुमोदन करने के उपरांत शोधार्थी को उपाधि प्रदान करा दी जाएगी।

शोधार्थी को कार्य परिषद की बैठक की प्रतीक्षा नहीं करनी पडेगी। यदि शोधार्थी को कहीं आवेदन करना है तो वह फाइनल वॉयवा के उपरांत शोध उपाधि प्राप्त कर आवेदन कर सकता है। अभी तक पीएचडी की उपाधि कार्य परिषद की बैठक के अनुमोदन के बाद ही मिल पाती थी। इसमें कई बार काफी समय भी लग जाता था। बैठक में कार्य परिषद के सदस्य प्रोफेसर वाई विमला, प्रोफेसर हरिभाऊ खांडेकर, प्रोफेसर शैलेंद्र जायसवाल, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर जितेंद्र ढाका, प्रोफेसर एके चौबे, प्रोफेसर राहुल कुमार, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मुकेश जैन, डॉ. स्मृति दानी, डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, डॉ. संगीता गुप्ता, प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/दिलीप