नई शिक्षा नीति से छात्रों को मिल रहा ज्ञान के साथ संस्कार: राजनाथ सिंह

 


कानपुर, 14 जनवरी (हि.स.)। जीवन की तरक्की के लिए ज्ञान का होना जरूरी है, लेकिन संस्कार का उससे कम महत्व नहीं है। इसी को देखते हुए नई शिक्षा नीति तैयार की गई है और छात्रों को ज्ञान के साथ संस्कार भी मिल रहा है। यह बातें रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही।

सतबरी रोड न्यू आजाद नगर के ओंकारेश्वर विद्या निकेतन इंटर काॅलेज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिमा दुबे की प्रेरणा से निर्मित नवीन भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार का होना आवश्यक है। संस्कार के बिना ज्ञान का कोई महत्व नहीं है। नई शिक्षा नीति इसको दृष्टि में रखकर तैयार की गई है कि छात्रों को ज्ञान के साथ संस्कार किस तरह से प्रदान किये जायें। संस्कारयुक्त शिक्षा से चरित्र का निर्माण होता है। स्वामी विवेकानंद जब विश्व धर्म सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए अमेरिका गये थे तो उनकी वेशभूषा देखकर वहां उपस्थित लोगों ने उनका उपहास किया किन्तु उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि वस्तुत: हम भारतीय चरित्र से महान हैं। उन्होंने उन दोनों बच्चों का भी जिक्र किया जिनकी शिक्षा दिलाने के लिए उन्होंने डॉ. अंगद सिंह की प्रेरणा से प्रबंध किया था। बताया कि एक डाक्टर के रूप में सेवाएं दे रहा है और दूसरा आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा है।

आगे कहा कि यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। जिस उद्देश्य से इस विद्यालय की स्थापना की गई है निश्चय ही वह पूर्ण होगा। इस दौरान ओंकारेश्वर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन के संरक्षक डॉ. अंगद सिंह, ओंकारेश्वर विद्या निकेतन मंदिर जवाहर नगर के प्रधानाचार्य राममिलन सिंह, प्रबंध निदेशक डॉ. पूजा अवस्थी, रिमझिम इस्पता के प्रबंध निदेशक योगेश अग्रवाल, डॉ. श्यामबाबू गुप्ता, सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक, सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, विधायक नीलिमा कटियार, महेश त्रिवेदी, सरोज कुरील आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम