कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण न होने पर लखनऊ में 30 को विशाल प्रदर्शन

 


प्रयागराज, 06 नवम्बर (हि.स.)। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जे.एन तिवारी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं। उनके समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली समस्याओं के शीघ्र निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है लेकिन विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की मांगों के समाधान में अड़ंगा लगाते रहते हैं। यदि सरकार कर्मचारियों की लम्बित मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं करती है तो 30 नवम्बर को लखनऊ में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जेएन तिवारी ने सोमवार को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता कर बताया कि 17 नवम्बर को अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में संयुक्त परिषद की मांगों पर वार्ता निश्चित की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त किया है कि इस वार्ता के आशाजनक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की मांग पर प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति के रिक्त पदों को भरे जाने के निर्देश जारी किए हैं। इसके बावजूद खाद्य रसद, चिकित्सा, माध्यमिक शिक्षा सहित कई विभागों में पदोन्नतियां नहीं हो रही हैं। उन्होंने बताया कि जनजाति विकास विभाग के एक उपनिदेशक की लापरवाही के कारण जनजाति विकास विभाग के शिक्षकों को अभी तक सातवें वेतन आयोग के क्रम में संविदा राशि में संशोधन का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।

संयुक्त परिषद के महामंत्री अरुणा शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षकों के लिए संविदा राशि में संशोधन का आदेश जारी कर दिवाली का तोहफा दिया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। कहा कि समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग में लगभग 1100 संविदा शिक्षक हैं। इन शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली, एनपीएस सम्बंधित संशोधनों को प्रदेश में लागू किया जाना, आशा बहुओं के लिए प्रतिमाह मिलने वाला मानदेय निश्चित किया जाना, कर्मचारियों को दीपावली से पूर्व बोनस एवं महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाना आदि की मांग राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद लगातार कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/दिलीप