राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद राजनीतिक दलों को भेजेगा अपनी पांच मांगें

 


लखनऊ, 20 फरवरी (हि.स.)। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद पांच मुद्दे राजनीतिक दलों से अपने घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग करेगा। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व परिषद उपभोक्ताओं से भी इस पर राय शुमारी करेगा और छह मार्च तक प्रमुख मुद्दों पर पत्र तैयार कर सभी राजनीतिक दलों को भेजगा।

इस संबंध में उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार से सोशल मीडिया आन लाइन अभियान शुरू कर दिया है। सामाजिक व कृषि क्षेत्र से जुड़े संगठनों से वार्तालाप कर उनकी राय जानेगा। इसके बाद अपनी पांच प्रमुख मांगों को उजागर कर राजनीतिक दलों से अपने घोषणा पत्र में लाने के लिए मांग रखेगा।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने बिजली क्षेत्र और उपभोक्ता सेवा में व्यापक सुधार के लिए जिन 5 प्रमुख मुद्दों को चुना है। उसमें प्रमुख रूप से देश व प्रदेश के किसानों की बिजली फ्री की जाए अथवा सस्ती की जाए?

देश व प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दी जाए या वर्तमान रोस्टर लागू रखा जाए? बिजली क्षेत्र का निजीकरण हो अथवा नहीं देश के उत्पादन क्षेत्र में निजी घरानों का 51 प्रतिसत कब्जा उचित अथवा अनुचित ? देश के उत्पादन वितरण ट्रांसमिशन सहित सभी क्षेत्रो में कार्यरत निजी घरानों की सी0ए0जी0 ऑडिट अनिवार्य रूप से हो अथवा नहीं? देश व प्रदेश में लागू बिजली मुआवजा कानून को शत प्रतिसत न लागू करने वाले बिजली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई अथवा नहीं?

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आज पहले दिन किसानों की बिजली फ्री हो या सस्ती हो पर आम जनता वह उपभोक्ताओं की राय शुमारी शुरू की गई है। जो अगले तीन दिनों तक चलेगी इसके बाद दूसरे मुद्दे पर राय शुमारी की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित