भादो मास की सोमवती अमावस्या पर तपोभूमि चित्रकूट में उमड़ा आस्था का सैलाब
चित्रकूट, 02 सितम्बर (हि.स.)। भादो मास की सोमवती अमावस्या पर भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। देश भर से आये 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद रामघाट में भगवान ब्रह्मा द्वारा स्थापित मत गजेंद्र नाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान कामतानाथ के दर्शन-पूजन कर कामदगिरि पर्वत की पंचकोसी परिक्रमा लगाकर देश के सुख समृद्धि की कामना की। अमावस्या मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं के भारी को दृष्टिगत रख यूपी-एमपी शासन-प्रशासन द्वारा मेला परिक्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
भदई अमावस्या पर विश्व प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ के रूप में विख्यात भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट मनोकामनाओं के पूरक भगवान श्री कामतानाथ के जयकारों से गूंजती रही। देश भर से आये लाखों श्रद्धालुओं ने माता सती अनुसुइया के तपोबल से प्रकट हुई पतित पावनी मां मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद भगवान ब्रह्मा द्वारा स्थापित सृष्टि के प्रथम शिवलिंग स्वामी मत गजेंद्र नाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान कामतानाथ के दर्शन-पूजन किया। कई वर्षों बाद श्रद्धालुओं के उमड़े सैलाब से मंदाकिनी के रामघाट एवं कामदगिरि परिक्रमा में सुबह से तिल रखने की जगह नहीं थी। आस्था के सैलाब को दृष्टिगत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा आदि के पुष्ता इंतजाम किये गये थे। भदई अमावस्या पर्व में स्नान के लिए श्रद्धालुओं का एक दिन पहले रविवार से ही आना शुरु हो गया था। देर रात ट्रेन, बसों के अलावा निजी वाहनों व बाइकों से लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे।
अहइदनलीरह साेमवार को तड़के से रामघाट में स्नान व दान का सिलसिला शुरू हुआ जाे देर शाम तक चलता रहा। करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के चित्रकूट पहुंचकर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा लगाने का अनुमान लगाया जा रहा है। वैसे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा मेला स्पेशल ट्रेने व उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। वहीं मंदाकिनी नदी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गोताखोरों की तैनाती की गई। इसके अलावा मेला परिक्षेत्र में यूपी व एमपी जिला प्रशासन के अधिकारी व पुलिस टीमें अपने-अपने इलाके में गश्त करती रहीं। वहीं मेला के मद्देनजर बेड़ी पुलिया चौराहा, रामायण मेला एवं रामघाट के पास विशेष स्वागत गेट बनाकर सजावट की गई है।
जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन और पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी उमेश चंद्र निगम, अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी, उपजिलाधिकारी सदर सौरभ यादव, पुलिस क्षेत्राधिकारी राजकमल सुबह से ही मेला क्षेत्र में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। वहीं नगर पालिका के ईओ लालजी यादव मेला परिक्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में टीम के साथ जुटे रहे।
वहीं कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपल दास महाराज का कहना है कि चित्रकूट विश्व प्रसिद्ध तीर्थ है। यहां भगवान श्रीराम ने वनवास काल के साढे़ 11 वर्ष व्यतीत किए थे। मान्यता है कि अमावस्या के दिन जो व्यक्ति मंदाकिनी के पवित्र जल में स्नान कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाता है। उसके जीवन की सारी परेशानी दूर हो जाती हैं।
अमावस्या के माैके पर भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने बताया कि भाद्रपद की अमावस्या के दिन कुषा का पूजन होता है। भगवान श्रीराम ने मंदाकिनी में कुषा से पिता दशरथ का तर्पण किया था। इस दिन किसान कुषा को भगवान कामतानाथ को अर्पित कर देश के खुश समृद्धि की कामना करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल