नगर निगम की स्मार्ट प्लानिंग से गार्बेज फैक्ट्री का बदला स्वरूप
कचरा निस्तारण की आधुनिक तकनीकी से होगी स्मार्ट वर्किंग
नगर आयुक्त ने किया स्मार्ट एमआरएफ का निरीक्षण, डेमो भी लिया
गाजियाबाद, 21 दिसम्बर (हि.स.)। गाजियाबाद के नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के होम वर्क का असर दिखने लगा है और महानगर में निर्माण कार्यों से लेकर सफाई-सुथराई अब सुधार देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इसी क्रम में कार्य करते हुए गार्बेज फैक्ट्री को रिस्ट्रक्चर किया गया है।
आधुनिक तकनीकी की मशीनों को लगाते हुए एमआरएफ की स्थापना की गई है । जिसका अगले सप्ताह उद्घाटन सम्भावित है। इससे पहले नगर आयुक्त द्वारा गुरुवार को गार्बेज फ़ैक्टरी का स्थलीय निरीक्षण किया गया। सिटी जोन अंतर्गत रेत मंडी में बनाए गए प्लांट में आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल से कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। नगर आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान मशीनों को चालू कर कर डेमो भी लिया। सूखे कचरे का एमआरएफ के माध्यम से रिसायकल के लिए प्रोसेस किया जाएगा। जिसके लिए प्लांट पर चार कन्वेयर मशीन भी लगाई गई है। इसी प्रकार गीले कचरे से खाद बनाने के लिए ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टर मशीन भी लगाया गया है। सूखे कचरे का इस प्लांट में 200 टन कचरा प्रतिदिन प्रोसेस किया जाएगा, तथा गीला कचरा प्रतिदिन 40 से 50 टन प्रोसेस किया जाएगाl
नगर आयुक्त ने बताया कि आगामी सप्ताह में स्मार्ट एमआरएफ प्लांट का उद्घाटन करने की तैयारी है। जिसके बाद सिटी जोन के चिन्हित 10 से 15 वार्डों का कचरा प्रथम चरण में निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने शहर वासियों से भी अपील की है कि वह अपने कचरे को अलग-अलग करके ही निगम की गाड़ियों में डाले। शहर के कचरे का शतप्रतिशत निस्तारण के लिए शहर वासियों द्वारा कचरे को अलग-अलग करना बहुत जरूरी है, जिससे कचरा पृथकीकरण के माध्यम से बेहतर कार्य शहर हित में होगा।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर आयुक्त के निर्देश पर ट्रिपल-पी मॉडल पर स्मार्ट एमआरएफ रेत मंडी गार्बेज फैक्ट्री पर स्थापित किया गया है। इस प्लांट में गाजियाबाद नगर निगम द्वारा व्यय नहीं किया गया है। (आईपीसीए) इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन तथा एसबीआई कार्ड के सीएसआर फंड से कार्य किया गया हैl जिसमें सिटी जोन के कचरे का निस्तारण आधुनिक तकनीकी से युक्त मशीनों के द्वारा किया जाएगा। सूखा कूड़ा रीसायकल किया जाएगा तथा गीले कूड़े से खाद बनेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली
/डॉ. कुलदीप