स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ चेक मीटर न लगाने पर उपभोक्ता परिषद ने उठाए सवाल

 


लखनऊ, 30 सितम्बर (हि.स.)। पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख 45000

स्मार्ट प्रीपेड मीटर सभी बिजली कंपनियों में लगा दिए गए, लेकिन

कहीं भी केन्द्र सरकार द्वारा दी गयी गाइड लाइन का ध्यान नहीं रखा गया। इससे प्रदेश

के विद्युत उपभोक्ताओं में संशय और आक्रोश की स्थिति बनी हुई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता

परिषद ने जल्द ही पांच प्रतिशत चेक मीटर लगाने की मांग की है।

प्रदेश में

अब तक लगाए गये स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में एक लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर पूर्वांचल, 30000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर दक्षिणांचल, लगभग 4 से 5000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर पश्चिमांचल और लगभग 2500

स्मार्ट प्रीपेड मीटर मध्यांचल में अब तक

स्थापित किए गए हैं। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने आज से 1

साल पहले 16 सितंबर 2023 को जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर फाइनल हुआ था तो यह स्पष्ट निर्देश

जारी किया था कि पूरे देश में उपभोक्ताओं के मन में यह आशंका है कि स्मार्ट

प्रीपेड मीटर तेज चलता है। विलिंग ज्यादा बताता है। इसलिए उसकी विश्वसनीयता कायम करने के लिए अनिवार्य रूप से 5 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर के समानांतर चेक मीटर लगाया जाय।

भारत

सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि उपभोक्ता के परिसर पर जो साधारण मीटर लगा

है। उसे ही चेक मीटर के रूप में प्रयोग में लाया

जाए और चेक मीटर के मिलान को अनिवार्य रूप से 3 महीने तक

किया जाए और दोनों की रीडिंग की समीक्षा की जाए, जिससे

उपभोक्ता स्वत दोनों मीटर की मिलान कर लें और उसकी विश्वसनीयता कायम रहे। चेक मीटर की कोई भी फीस उपभोक्ता से नहीं ली जाएगी, लेकिन उत्तर प्रदेश

में अभी तक एक भी चेक मीटर उपभोक्ता के परिसर पर नहीं लगाया गया।

सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश

कुमार वर्मा ने सभी बिजली कंपनियों मे स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लगवाने वाले उच्च

अधिकारियों जो इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं, उन्हें इस आदेश से

अवगत कराते हुए कहा कि इस आदेश का उल्लंघन क्यों किया जा रहा

है। इसका तत्काल पालन कराया जाए कुछ कंपनियों ने तो भारत

सरकार के आदेश के क्रम में अपने डिस्काम में आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन वह यह भूल गए कि केवल आदेश जारी करने से काम नहीं चलता है। उसका क्रियान्वयन होना जरूरी है।

उत्तर

प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि

चेक मीटर न लगाये जाने से स्वत: ही मीटरों की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय