समाज के संगठित प्रयास करने पर ही लक्ष्य की प्राप्ति : डॉ अनिरुद्ध महाराज
- मां कल्याणी देवी मंदिर में श्री राम कथा
प्रयागराज, 11 अप्रैल (हि.स.)। श्री नव संवत्सर मानव समिति कल्याणी देवी द्वारा मां कल्याणी देवी के धाम में आयोजित श्री राम कथा के तृतीय दिवस पर व्यास डॉ. अनिरुद्ध महाराज ने कहा कि जब सम्पूर्ण समाज द्वारा संगठित प्रयास किया जाता है तभी लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
उन्होंने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सामाजिक विषमता एवं सामाजिक दोषों के निवारण के लिए समाज जब एक साथ जुट करके प्रयास करता है तो ऐसे दोष दूर हो जाते हैं। भगवान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पर राम मंदिर तभी बन सका जब सम्पूर्ण सनातन समाज एक साथ इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए खड़ा हो गया। कश्मीर से अनुच्छेद 370 भी भारतीय संविधान से तभी हट पाई जब सम्पूर्ण राष्ट्र ने इसे हटाने के लिए एकजुट होकर प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति संकट में डूब जाता है तब ईश्वर की शरण में जाता है। क्योंकि उसका अहंकार टूट जाता है। लक्ष्मण ने सूपर्णखा का नाक काट दिया और हनुमानजी ने लंकनी का इलाज कर दिया और जटायु के पंख भी कट गए तब यह परमात्मा के शरणागत हो गए।
मां कल्याणी देवी मंदिर के अध्यक्ष एवं श्री नव संवत्सर मानस समिति के संयोजक पंडित सुशील पाठक ने बताया कि शक्ति उपासक की महत्ता सृष्टि के आदिकाल से ही चली आ रही है और पूरे देश में 51 शक्ति पीठों का विशेष महत्व है। शताध्याजयी प्रयाग के अनुसार इनके दर्शन पूजन आदि से सभी की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण नवरात्रि में 9 से 17 अप्रैल तक शाम 7 से रात्रि 11 बजे तक प्रतिदिन संगीतमय श्रीराम कथा एवं प्रातः 8 से रात्रि 11 तक तथा शाम 4 से 7ः30 बजे तक शतचंडी महायज्ञ होगा। प्रतिदिन प्रात 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक मां कल्याणी देवी की पूजा एवं शाम 6 से 12 बजे तक मां कल्याणी का नित्य नूतन शृंगार एवं झांकी का दर्शन एवं महा आरती का आयोजन होता है।
मां कल्याणी देवी मंदिर के महामंत्री श्याम पाठक ने बताया कि शतचंडी महायज्ञ में हजारों की एवं मां कल्याणी की झांकी का नित्य नूतन दर्शन में लाखों की संख्या में भक्तगण शामिल होते हैं। संचालन प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष नीलम करवरिया, पुनीत वर्मा, सुबोध खन्ना, राजेश केसरवानी, रजत चड्ढा, अनिल पाठक, सुधीर शर्मा, शेष नारायण, किशन पाठक, गौरव करवरिया, वैभव करवरिया आदि ने आरती की।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्या कान्त/प्रभात