श्रीकृष्ण जन्मभूमि : शरद पूर्णिमा महोत्सव पर चन्द्रलोक बंगले में विराजमान होकर ठाकुरजी ने दिए दर्शन

 


मथुरा, 16 अक्टूबर(हि.स.)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का परम्परागत शरद महोत्सव बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में श्रीकृष्ण सेवा मण्डल के विशिष्ट सहयोग एवं अथक प्रयासों से बड़ी ही भव्यता एवं दिव्यता से मनाया गया।

महोत्सव का शुभारम्भ गौसेवा से हुआ, इसके बाद भगवान श्रीगिरिराज जी महाराज का पंचामृत महाभिषेक हुआ। महाभिषेक में सम्मिलित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी के अनुपम अलौकिक दर्शन तो प्राप्त किये। साथ ही ब्रज के रसिक भक्तजन द्वारा प्रस्तुत सुन्दर भजन गायन का आनन्द भी लिया। दिव्य पंचामृत अभिषेक और अद्भुद भजन गायन से अभिभूत होकर श्रद्धालु उद्दाम नृत्य कर रहे थे। जन्मस्थान पर श्रद्धालुओं को दुग्ध खीर भोग वितरित किया गया, जो देर रात्रि तक चलता रहा। प्रातः 11ः30 बजे से खीर, मालपुआ, मिष्ठान आदि का दिव्य भण्डारा भी अन्नक्षेत्र प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद रूप में प्राप्त किया।

शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर सांय 4ः00 बजे से भगवान श्रीकेशवदेव जी के निज जगमोहन को चन्द्रलोक का स्वरूप प्रदान किया गया। चन्द्रलोक में विराजमान श्रीठाकुरजी श्रीकेशवदेवजी के श्रीविग्रह के दर्शन से श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभूति हो रही थी। जन्मस्थान पर स्थित श्रीगिरिराज जी सहित सभी मंदिरों में ठाकुरजी को सांयकाल 5ः00 बजे से छप्पनभोग अर्पित किये गये। छप्पनभोग के मध्य विराजमान ठाकुरजी का स्वरूप अत्यन्त मनोहारी लग रहा था। ठाकुरजी को अर्पित छप्पनभोग प्रसाद रात्रि 9ः00 बजे से श्रद्धालुओं को वृहद मात्रा में वितरित किया गया।

इस अवसर पर श्रीकृष्ण चबूतरा पर मुरारी लाल तिवारी के निर्देशन में कलाकारों द्वारा परंपरागत महारास लीला का भव्य मंचन सांय 7ः30 बजे से रात्रि 11ः30 बजे महाशयन आरती तक किया गया। श्रीकृष्ण चबूतरे पर दूधिया प्रकाश से आच्छादित पूर्ण चन्द्र की दिव्य चॉदनी से अभिसिक्त वातावरण में भगवान श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार की महारास लीला स्थानीय एवं बाहर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रही। इस आयोजन को भव्य और भावमय बनाने के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के पदाधिकारी, अधिकारी एवं श्रीकृष्ण सेवा मण्डल के सेवाभावीजन का विशिष्ट सहयोग रहा।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार