कृषि गतिविधि और विशेष कृषि उत्पादन म्यूजियम में दर्शाएं : आनंदीबेन पटेल
लखनऊ, 18 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ के नैक मूल्यांकन हेतु तैयार एसएसआर रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण देखा। राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय की नैक हेतु गठित कमेटी से नैक मूल्यांकन के निर्धारित सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा की। समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने विभिन्न बिंदुओं पर राइट-अप सुदृढ़ करने, विश्वविद्यालय की सभी सुविधाओं के गतिविधि दर्शाने वाले फोटो लगाने, फोटो के साथ कैप्शन में संचालित गतिविधि का पूर्ण विवरण लगाने को कहा।
उन्होंने क्राइटेरिया तीन की समीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए टीबी रोगियों की संख्या और स्वस्थ हुए रोगियों की संख्या का विवरण, क्राइटेरिया चार में आर्ट गैलरी और म्यूजियम को अलग-अलग विकसित कर विविधतापूर्ण कृषि गतिविधि, विशेष कृषि उत्पादन दर्शाने को कहा। उन्होंने क्राइटेरिया चार में सभी फोटोग्राफ बदलकर विद्यार्थियों की प्रतिभागिता दर्शाने वाले फोटो लगाने का निर्देश दिया।
बिंदुवार समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को इफ्को से प्राप्त हो रही ग्रांट में हुई बढ़ोत्तरी का विवरण अपने कार्यों की सफलता के उल्लेख के साथ जोड़ने को कहा। उन्होंने अभी कुछ समय पूर्व पशुओं में फैली बीमारी ‘लम्पी डिसीज‘ पर नियंत्रण हेतु विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों का विवरण भी एसएसआर में लगाने को कहा। इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालय को फसल क्षेत्र में द्रोण के माध्यम से मात्र संक्रमित क्षेत्र में दवा छिड़काव कराकर संक्रमण नियंत्रण की दिशा में कार्य करने के लिए कहा।
विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही मोबाइल वैटनरी क्लीनिक पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने इसके माध्यम से एक साल में चिकित्सा लाभ प्राप्त करने वाले पशुओं की संख्या के साथ उनका चिकित्सा फॉलोअप विवरण भी एसएसआर में लगाने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय की पूरी नैक टीम को एक साथ बैठकर तैयारी करने, सभी क्राइटेरिया पर टीम वर्क के साथ मेहनत कर सुदढ़ करने और मई से पूर्व ही सशक्त तैयारी के साथ एसएसआर दाखिल करने के लिए प्रेरित किया।
प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी राष्ट्रीय रैंकिंग निर्धारण की प्रक्रिया में नैक के लिए आवेदन नहीं किया जा रहा था। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में उच्च शैक्षणिक व्यवस्थाओं और गुणवत्ता सुधार के लिए युद्ध स्तर पर किए गए प्रयासों के क्रम में कृषि विश्वविद्यालयों को भी नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों में से सर्वप्रथम ‘बी प्लस‘ नैक ग्रेड हासिल कर नैक ग्रेडिंग प्राप्त पहला कृषि विश्वविद्यालय होने का दर्जा हासिल किया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जानी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.के. सिंह सहित विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/सियाराम